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CTET UPTET Problems of Teaching Study Material in Hindi

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शिक्षण की समस्याएँ (TET UPTET Teaching Study Material in Hindi)

आजकल अधिकांश विद्दार्थी गणित विषय में उतने निपुण नहीं है जितनी कि उनसे आशा की जाती है जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

  1. प्राथमिक स्तर रपर छात्रों की गणितीय नींव का कमजोर होना

माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या यह भी है कि छात्रों का प्राथमिक स्तर रपर गणित शिक्षण बहुत कमजोर रुप में होता है। जिस कारण माध्यमिक स्तर पर छात्र गणित से नही  समझ पाते तथा इसी कारण से गणित के प्रति रुचि कम हे जाती है। जिस कारण माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण का कार्य सुचारु रूप से नहीं नहीं हो पाता। जो माध्यमिक स्तर पर गणित की एक प्रमुख समस्या बन जाती है।

  1. छात्रों का शारीरिक स्वास्थ्य एवं मानसिक स्वास्थ्य

गणित शिक्षण के अन्तर्गत छात्रो का शारीरिक तथी मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना नितान्त आवश्यक है. क्योंकि बालक के ध्यान, रुचि व एकाग्रता पर इसका प्रभाव पड़ता है। किसी भी प्रकार की मानसिक विकृति, शारीरिक रुग्णता तथा मानसिक तनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव बालकों के शिक्षण पर प्रतिकूल पड़ता है। शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ बालक शीघ्र ही थक जाते है।

  1. गणित शिक्षण का समय एवं अवधि

शिक्षण की समस्याएँ (TET UPTETStudy Material in Hindi PDF)

यदि छात्र अधिक देर तक किसी क्रिया को करता रहता है तो वह थकान का अनुभव करने लगता है और थकान अनुभव होने से सीखने की प्रक्रिया में शिथिलता उत्पन्न हो जाती है। विद्दालयों में सयम- चक्र में बनाते समय इस बाद का ध्यान रखा जाना चाहिए कि गणित जैसे कठिन विषयों को पहले तथा सरल विषयों को सयम –चक्र में बाद में पढाने की व्यवस्था बनाई जाए साथ ही मध्यान्तर की व्यवस्था भी आवश्यक रूप से की जानी चाहिए। सयम चक्र में इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि एक कक्षा की समय अवधि कितनी है।

  1. अध्यापक की विषय के प्रति सही ज्ञान न होना

अध्यापक का किसी विषय से सम्बन्धित ज्ञान, अनुभव एवं योग्यता आदि छात्रों को प्रत्यक्ष रुप से प्रभावकित करते। यदि अध्यापक को अपने विषय की गहन जानकारी नहीं है तो वह छात्रों को बहुत कुछ नहीं दे पाएगा। इसके विपरीत यदि अध्यापक को अपने विषय का पूर्ण ज्ञान है तो वह आत्म-विश्वास के साथ छात्रों को नवीन ज्ञान देने में सक्षम होगा तथा उसका शिक्षण प्रभावी होगा। आजकल गणित शिक्षण से जुड़ी यह एक प्रमुख समस्या है।

  1. शिक्षक का व्यवहार

शिक्षक का व्यवहार छात्रों के सीखने को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। शिक्षक में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण होने चाहिए उसके व्यवहार से सहानुभूति, सहयोग, समानता, शिक्षण कला में निपुणता, मृदुभाषी, संयम आदि गुण हैं तो छात्र कक्षा बातावरण में सहज रुप से सब कुछ सीख सकेंगे। लेकिन यदि शिक्षक का व्यवहार अत्यन्त कठोर है तो छात्र उसकी कक्षा से परलायन करने लगते हैं, जो शिक्षण के दौरान एक प्रमुख समस्या है।

  1. गणित शिक्षक की शिक्षण विधि

शिक्षण विधि का सीधा सम्बन्ध अधिगम प्रक्रिया से होता है। साथ ही, प्रत्येक शिक्षक का पढ़ाने का तरीका भी भिन्न होता है तथा सभी छात्र ही एक ही विधि से नहीं सीख पाते। शिक्षण की विधि जितनी अधिक वैज्ञानिक एवं प्रभावशाली होगी उतनी ही सीखने की प्रक्रिया सरल वं लाभप्रद होगी। बच्चों के सन्दर्भ में खेल विधि द्वारा सीखना, करके सीखना, निरीक्षण द्वारा सीखना, योजना विधि द्वारा सीखना, खोज विधि द्वारा सीखना आदि का अपना अलग-अलग महत्व है। लेकिन शिक्षण छात्रों की रुचि के अनुरूप उन्हें शिक्षा न देकर पुरानी विधियों पर ही निर्ऱभर रहते हैं।

  1. व्यक्तिगत भेदों के ज्ञान की समस्या

शिक्षण की समस्याएँ (TET UPTET Study Material in Hindi PDF Download)

प्रतेयक छात्र की बुद्धि, रुचि, जोग्याता, क्षमता, अभिवृत्ति आदि अलग-अलग होती  हैं तथा यही विशेषता शिक्षण की एक समस्या बन जाती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण कुछ छात्र तो अध्यापक द्वारा प्रदत्त ज्ञान को आसानी से आत्मसात कर सेते है र कुछ देर से कर पाते हैं यह बिल्कुल ही नहीं कर पाते। सामान्यत: एक कक्षा में अध्यापक को तीन प्रकार के छात्रों का समना करना होता है मेधावी, सामान्य तथा पिछड़े हुए छात्र। इसी समस्या को व्यक्तिगत भेद की समस्या की संज्ञा दी जाती है।

  1. अभ्यास के उचित विभाजन की व्यवस्था न होना

अभ्यास, गणित शिक्षण का एक महत्वपूर्ण अंग है। गणित शिक्षण में अभ्यास का उचित विभाजन नहीं है, गणित शिक्षण में अभ्यास का मापदण्ड आवश्यक है। अभ्यास उतना होना चाहिए जितना कि छात्र उसे बना थकावट का अनुभव करें कर सके तथा यह प्रक्रिया निरन्तर होनी चाहिए। माध्यामिक स्तर पर गणित शिक्षण में अभ्यास की प्रक्रिया का स्वरूप एक समान हनीं है जो गणित शिक्षण में एक प्रमुख समस्या है आवशयकता से अधिक अभ्यास कराने से सीखने की क्षमता का ह्रास होता है।

  1. पाठ्य कर्म की संरचना की समस्य

गणित शिक्षण में पाठ्यक्रम की संरचना का बड़ा महत्व है। पाठ्यक्रम सरल से कठिन की और बाल केन्द्रित तथा जीवन से सम्बन्धित सिद्धान्तों पर आधारित होना चहिए। लेकिन माध्यामिक स्तर रपर पाठ्यक्रम की संरचना का व्यवस्थित न होना भी गणित शइक्षम की एक प्रमुख समस्या है।

  1. गणित शिक्षण के लिए उचित वातावरण का न होना

विद्दालोयं में गणित शिक्षण के लिए वातावरण की समस्या आज गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या बन गी है। गणित शिक्ष्ण में गमित कक्षा, गणित, प्रयोगशालाओं, पुस्ककालय, कक्षा कक्ष में प्राकश व वायु की व्यवस्था आदि का उत्तम प्रबन्ध न होना प्रमुख हैं।

  1. उचित दृष्टिकोण का अभाव

आज जन मानस में गणित के प्रति उचित दृष्टिकोण का अभाव है। गणित मानव जीवन तथा उसके सम्बन्धों का एक व्यापक विषय है फिर भी उचित दृष्टिकोण न बन पाना एक समस्या है। इसी प्रकार विद्यालय में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों में इस विषय के प्रति सकारात्मक सोच की कमी है। गणित की महत्ता  की समझ की कमी के कारण उचित दृष्टिकोण का अभाव नजर आता है।

  1. आधुनिकतम शिक्षण विधियों की कमी

गणित एक विषय के रूप में अपने व्यापक स्वरूप को समेटे हुए है। यह अपने एकीकृत रूप में विभिन्न विषयों से अपनी विषय वस्तु ग्रहण कर एक नवीन स्वरूप लेता है।

शिक्षण की समस्याएँ (TET UPTET Study Material Books Download)

गणित के शिक्षण में आधुनिकतम शिक्षण विधियों की कमी दिखाई देती है। कुछ परम्परागत एवं आधुनिक विधियों एवं प्रविधियों की सहायता से गणित शिक्षम अपनी पूर्णता को प्राप्त नही कर पाता । आज गणित पर जतना बल दिया जा रहा है उसको ध्यान में रखते हुए आधुनिकतम शिक्षण विधियों का भी प्रतिपादन होना चाहिए।

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