M1 R4 What is Multimedia Study Material in Hindi
M1 R4 What is Multimedia Study Material in Hindi:- इस पोस्ट में आपकों मिलेगी मल्टीमीडिया क्या है? (What is Multimedia) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे टेक्स्ट, ग्राफिक्स, ऐनिमेशन, ऑडियों, वीडियो, शिक्षा के क्षेत्र में मल्टीमीडिया, कॉमन मल्टीमीडिया फाइल फॉर्मेट्स के नाम, साउंड फाइल फॉर्मेट इमेंज या ग्राफिक फाइल फॉर्मेट, आदि के विशेष में महत्वपूर्ण जानकारी।
M1 R4 मल्टीमीडिया क्या है? Study Material Notes in Hindi
मल्टीमीडिया एक ऐसी तकनीक है जो टेक्स्ट, डाटा, इमेज, ग्राफिक्स ऑडियो, वीडियों ऐनीमेसन सबकों डिजिटल रूप में कम्प्यूटर में इंटीग्रेशन की सुविधा प्र्दान करता है। यह सूचना को बेहतर एवं प्रभावी ढंग से यूजर तक पुँचने के नए तरीके प्रदान करता है। पिक्चर / साउंड के रूप में डिस्प्ले की गई सूचना ही मल्टीमीडिया हैं एवं इसमें सादा टेक्स्ट बिल्कुल भी नहीं होता है। इतस तरह इसमें पिक्टर (ग्राफिक्स), साउंड ( ऑडियों) एवं मूवीज (वीडियों) तीनों शामिल होते हैं। मल्टीमीडिया की ये तीनों तरह की सूचनाएँ इनपुट डिवाइसिस द्वार कैप्चर्ड एवं डिजिटाइज्ड की जाती है ताकि कम्प्यूटर द्वारा मैनीपुलेशन के लिए सूचना तैयार मिलें।
मल्टीमीडिया टेक्स्ट, ग्राफिक्स, ऑडियों एवं वीडियों का काँबिनेशन है। कम्प्यूटर साइंस के क्षेत्र में मल्टीमीडिया बिल्कुल नया ट्रेंड है। चूँकि यह कई मीडिया को एक ही कम्प्यूटर ऐप्लीकेशन में कंबाइन कर लेता है अत: इसे मल्टीमीडिया कहा गया है। इससे कम्प्यूटर एंटरटेनमेंट टूल, एजुकेशनल टूल एवं बिजनेस टूल के रूप में इस्तेमाल किए जाने में सक्षम हो जाता है।
कम्प्यूटर मल्टीमीचडिया सूचना को विभिन्न तरह के स्टेडर्ड फॉर्मेटों में स्टोर करता है। हम आउटपुट डिवाइसिस सूचना प्ले कर सकते हैं या डिस्प्ले कर सकते हैं। उदाहण के लिए, एक साउंड फाइल प्ले करने के लिए हमें स्पीकर या हैड फोनों की आवश्यकता होती है। कुछ परिस्थितीयों में, कम्प्यूटर को स्पेशल हार्डवेयर की जरूरत पड़ती है ताकि यह आउटपुट डिवाइसिस से कनेक्ट हो सके। उदाहरण के लिए, एक स्पीकर को पीसी से कनेक्ट करने के लिए, हमें साउंड कार्ड की जरूरत होती है। (आजकल के नए कम्प्यूटरों के साथ यह कार्ड मिल जाता है)
आइए कल्पना करें कि एक शेर शिकार के लिए घूम रहा है। इस पर लिखा 100 शब्दों से कही ज्यादा प्रभाव शेर की एक तस्वीर करेगी जिसके पंजों में उसका शिकार दबा होगा एक 30 सेकेंड की साउंड क्लिप जिसमें शेर को शिकार दबा होगा। एक 30 सेकेंड की साउड क्लिप जिसमें पड़ेगी। लेकिन एक 10 सेकेंड की फुल मोशन वीडियों जिसमें शेर शिकार के पीछे भागता है और अंत में उसे पकड़ लेता है, का प्रभाव, साउंड प्रभाव से भी अधिक अच्छा पड़ता है। लिकिन जब आप उपरोक्त सभी एलीमेंटों को एक साथ रखते हैं तो यह मल्टी मीडिया का एक अच्छा उदाहरण बन जाता है इस तरह से मल्टीमीडिया टेक्स्ट ग्राफिकस, ऐनीमेशन ऑडियों एवं वीडियों का एक काँबिनेशन है.
टेक्स्ट टेक्स्ट मल्टीमीडिया का एक महत्वपूर्ण भाग है। लेकिन फिर भी मल्टीमीडिया टेक्स्ट के डिजाइन र कंटेटे अन्य प्रकार के टेक्स्ट जैसे न्यूतपेपर टेक्स्ट और किताबों के टेक्स्ट से अलग होते हैं। मल्टीमीडिया प्रोजेक्ट में किस हद तक टेक्स्ट का प्रयोग हो, यह इस पर निर्भर करता है कि यह किस विषय पर कार्य करता है या इसका कंटेंट क्या है। चूँकि कम्प्यूटर में कई प्रकार के फाँट, उनके रंग और काँबिनेशन डिस्प्ले किए जा सकते हैं फिर भी अंतिम परिणाम प्रिंटेड टेक्स्ड से बेहतर ही होता है।
M1 R4 ग्राफिक्स Study Material in Hindi
कम्प्यूटर ग्राफिक्स कम्प्यूटर की मदद से पिक्चरों को बनाना उन्हें प्रेजेन्ट करना, उनमे सुधार करना वं उनहे प्रदर्रशित करने के बारे में होता है। ग्राफिक्स मल्टीमीडिया का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसके द्वारा हम सूचना को पिक्चर के रूप में बेहतर ढंग से दर्शों सकते हैं उदाहण के लिए यदि मल्टीमीडिया की मदद से छोटे बच्चों को पढ़ाना हो तो हम चित्रों द्वारा किसी उदाहरम को अच्छे से वर्णन कर सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चों के लिए, नए कान्सेप्ट को टेक्स्ट के साथ वर्णन करना बहुत मुश्किल है। एक मल्टीमीडिया ऐप्लीकेशन में, जो छोटे बच्चों के ले बनाया गया है, एक घोड़े की तस्वीर के साथ यदि उसके टेस्ट का विवरण दिया जाए तो यह अधिक प्रभावशाली होता है। बिना पिक्चर के यह बताना मुश्किल होगा कि खोडट
कैसे दिखाता है।
पिक्चर, फोटोग्रापिक इमेज एवं अन्य आर्टवर्क को ग्राफिक्स कहा जाता है।
ग्राफिक्स के प्रकार
दो तरह की कम्प्यूटर ग्राफिक्स होती है:
लाइन ड्राइंग
M1 R4 इमेजेस Study Material in Hindi
लाइनड्राइंग : ये सामान्य ऑब्जेक्ट जैसे लाइनें, सर्कल, आर्क आदि के गणितीय रिप्रेजेन्टेशन का प्रयोग करके 2D (टू डायमेशनल) एवं 3D (3 डायमेशनल) पिक्चर के रूप मं ड्राइंग वं उदाहण होते हैं। उदाहरण के लिए एक कुर्सी की तस्वीर लाइनों एवं एवं आर्क ही सहायता से बनाई जा सकती है।ग्रप्यूटर ग्राफिक्स का वह क्षेत्र जो स तरह के पिक्चरों पर काम करता है, जनरेटिव ग्राफिक्स कहलाता है। जनरेटिव ग्राफिरक्स व्यापक रूप से उदाहण युक्त चित्र बनाने में प्रयोग होता है। जनरेटिव ग्राफिक्स का एक महत्वपूर्ण ऐप्लीकेशन है CAD (कम्प्यूटर एडेड डिजाइन) एवं CAM (कम्प्यूटर एडेड मैन्यूफैक्चरिंग)। आजकल CAD पैकेजों का प्रयोग बड़े पैमाने पर एयरक्राप्ट, शिप, एवं बिल्डिंग स्ट्रक्चरों के मॉडल को डिजाइन करने में किया जा रहा है। इन ऐप्लीकेशनों के लिए CAD और CAM के इस्तेमाल का सबसे बड़ा फायदा है कि डिजाइन में होने वाले किसी भी परिवर्तन को तुरंत मॉडिफाई किया जा सकता है।
इमेजेस: ये ग्राफिक्स और फोटोग्राफ होती हैजो पिक्सेल के समूह से बनती है, जो 2 डायमेंशनल मैट्रिक्स में अरेज होती है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स का वह क्षेत्र जो इस प्रकार की पिक्टरों के साथ कार्य करता है Cognitive ग्राफिक्स कहलाता है। Cognitive ग्राफिक्स और इमेज प्रोसेसिग तकनीके दोनों का साथ में व्यापक प्रयोग उन ऐप्लीकेशनों में होता है जो पिक्चरों की रिकॉग्नीशन और क्लासिफिकेशन में प्रयोग किए जा रहे हैं।
M2 R4 ऐनीमेशन Study Material Notes in Hindi
ऐनीमेशन मल्टीमीडिया का सबसे डायनामिक रूप है। ऐनीमेशन, ऑब्जेक्ट को डायनामिक मूवमेंट प्रदान करते हैं जो ग्राफिक्स से संभव नहीं है। उदाहरण के लिए यदि आकाश में उड़ती एक चिडिया दिखानी है तो ग्राफिक्स द्वारा एक चिड़िया की डिजिटल इमेज दिखा दी जाएगी जबकि ऐनीमेशन में हम पीसी मॉनीटर पर वाकई में चिड़िया को उड़ते हुए देख सकते हैंएक ऐनीमेशन को बनाने के लिए ड्रॉइंग, आब्जेक्ट लोग आदि की विभिन्न पोजीशनों में जिसमें थोड़ा मूवमेंट आगे बढ़ रहा हो, की स्टिल इमैजों की सीरीज को रिकॉर्ड किया जाता है। ऐनीमेशन को जब भी प्ले किया जाता है, वह स्टैटिक इमेज की तरह दिखाई देता है बल्कि यह कंबाइन होकर मोशन का भ्रम पैदा करता है।
ऐनीमेशन में पेपर पर बने ड्रॉइंग या फोटोग्राफों की एक सीरीज होती है जो एक मैकेनिकल डिवाइस के द्वारा देखी जाती है या हाथ में पकड़ी हुई इमेजों की सीक्वेस को क्लिक करके उन्हें देखा जा सकता है। उदाहरण के लिए एक पेपर के पेड में जिसमें एक लड़के की ड्राइंग बनी है जो अपना हाथ ऊपर उठा रहा है
M1 R4 ऑडियों Study Material in Hindi
कम्प्यूटर ऑडियों, कम्प्यूटर की मदद से ऑडियों को विकसित करने, उसकी रिकॉर्डिग करने तथा उसे प्लेबैक करने में कार्य करते हैं। ऑडियों, मल्टीमीडिया का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि कई स्थितियों में सूचना की बेहतर समझ के लिए, साउंड उपयोगी साबित होती है। कुछ स्थितियों में, वांछित सूचना देने के लिए साउंड ही एक मात्र तरीका होता है। उदाहरण के लिए एक कुत्ते के भौंकने को उसकी बर्किग कहा जाता है यह साउंड के द्वारा अच्छे से पहचानी जा सकती है।
स्पीच, म्यूजिक और अन्य प्रकार के साउंड, ऑडियों कहलाते हैं। ऑडियों एलीमेंट का प्रयोग सामान्य मल्टीमीडिया के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए होता है।
M1 R4 वीडियों Study Material in Hindi
कम्प्यूटर वीडियों इमेजों की सीक्वेंस की रिकॉर्डिग करने एवं डिस्प्ले करने में कार्य करता है। सीक्वेंस के प्रत्येक इमेज को फ्रेम कहा जाता है। एक जकेंट फ्री, फुल मोशन वीडियों, के लिए प्रति सेकेंड कम से कम 20 से लेकर 30 फ्रेम तक डिस्प्ले किए जातें है। यह मल्टीमीडिया का एक महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि यह मूवमेंट वाले कॉन्सेप्ट दिखाने में काफी मददगार होता है।
M1 R4 शिक्षा के क्षेत्र में म्ल्टीमीडिया Study Material Notes in Hindi
शिक्षा पर मल्टीमीडिया का व्यापक प्रभाव पड़ा है। हमारे देश में कई स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर आधरित टीचिंग सॉफ्टवेयर जो मल्टीमीडिया पर आधारित होते हैं, का प्रयोग किया जा रहा है जिससे विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी को सामने लाया जा सकें। आने वाले समय में विभिन्न विषयों को पढ़ने के लिए हाथ में पकड़ी जा सकने वाली मशीने आ जाएंगी। यह अभी देखना बाकी है कि ये मशीने कितनी प्रभावी होगी और किस प्रकार स्वीकार की जाएँगी हालाँकि ये पढ़ाने का तरीका और स्कूल एवं टीचर का प्राइमरी नियम ही बदल डालेंगी। लेकिन यह तकनीक बच्चे को अपनी स्पीड से पढ़ने के लिए तैयार करेगी। अभी के सिस्टम में जो शिक्षा दी जा रही है, उसमें बच्चे के लिए यह आवश्यक है कि वह पूरी कक्षा के साथ ताल मेल बैठाकर चले। यह परिस्थिति बदल जाएगी, शिक्षा की क्वालिटी भी स्टैंडर्ड बना दी जाएगी एवं यह हर स्कूल में अलग अलग पढ़ाने के तरीके और क्वालिटी पर निर्भर नहीं करेंगी।
इसी तरह, इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र भी इंटरेक्टिव मल्टीमीडिया प्रेजेन्टेशन का प्रयोग करते हैं जिससे वे जो भी सर्किट कम्प्यूटर पर डिजाइन करते हैं उसकों टेस्ट करना, उसमें मैनीपुलेशन करना तथा इंप्लीमेंट करना सीखने के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक्स का बैसिक्स भी सीखते हैं।
CBT यानी कम्प्यूटर बेस्ट ट्रेनिंग/ टूयटेरियल में मल्टमीडया तकनीक के प्रयोग से शैक्षिक पाठ्यक्रम को पढ़ाया जाता है।
M1 R4 मनोरंजन के क्षेत्र में मल्टीमीडिया ऐप्लीकेशन Study Material in Hindi
मनोरंजन एवं मीडिया उद्दोग भी मल्टीमीडया तकनीक द्वारा लाभान्वित हुआ है। इमेज, ऐनीमेशन एवं साउंड का प्रयोग व्यापक रूप से ऐनीमेशन मूवीज बनाने के लिए होता है। कम्प्यूटर की क्षमता का व्यापक उपयोग संगीतकारों द्वारा साउड को रिकॉर्ड, एडिट या मिक्स करने के लिए किया जाता है। मनोंरजन सीडी, गेम्स कॉमिक्स वं ब्चचों के लिए कहानियाँ आदि का प्रयोग ऐजुकेशन एवं ट्रेनिंग के लिए किया जाता है।
वीडियों वं एंटरटेनमेंट फिल्मों को कम्प्यूटर द्वारा तैयार किया जाता है एवं इन्हें सीडी रॉम पर स्टोर किया जाता है। ये बड़े पैमाने पर बनाई जाती है और सस्ती दरों पर बेची जाती है। संगीत को भी सीडी पर स्टोर किया जाता है एवं मीडिया प्लेयर (माइक्रोसॉफ्ट), Winamp जैसे मल्टीमीडिया स़ॉफ्टवेयर पैकेजों का इस्तेमाल करके इन्हे प्ले किया सकता है
वीडियों एडिटिंग, मिक्सिस, 3D ऐनीमेशन एवं मॉर्फिग ये कुछ तकनीके है जो विभिन्न कार्यों के लिए वीडियों फिल्में बनाने में इस्तेमाल होती है।
मार्केटिंग के क्षेत्र में मल्टीमीडिया ऐप्लीकेशन
माल्टीमिया का प्रोयग सेल्स एवं मार्केटिंक के लिए निम्न क्षेत्रों में होता है:
- इन्फॉर्मेशन डायरेक्ट्री
- रिजर्वेशन
- बायर्स गाइड
- प्रोडक्ट / सेल्स प्रमोशन
- ऐडववर्टाइजिंग
- इंटरैक्टिव कैटालॉग
- मर्केडाइजिंग पॉइट ऑफ पर्चेज
ऐडवर्टाईजिंग के क्षेत्र में, मल्टीमीडिया बड़े परिवर्तन लेकर आया है। यह फ्री लांस एजेसियों को सस्ते रफ कट्स बनानेएवं क्लिप्स तैयार करने की अनमति देता है जिससे बड़ी ऐडवर्टाइजिंग एजेसियों का प्रभुत्व काफी कम हो जाता है। वीडियों कॉन्प्रेसिंग भी मल्टीमीडया का एक अन्य ऐप्लीकेशन है जो काफी तेजी से बढ़ रहा है। कल्पना कीजिए कि आप एक कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर रहें है एवं अपने एक सहकर्मी से बात करना चाहेते हैं। वीडियों कॉन्फ्रेसिंग आप को उसे आपके मॉनीटर की विंड़ों स्क्रीन में देखने की सुविधा देता है और साथ ही वह भी आप को उसके कम्प्यूटर स्क्रीन पर देख सकता है। इस तरह आप दोनों फेस टू फेस बातचीत कर सकते हैं।
मल्टीमीडिया के बिज्नेस ऐप्लीकेशनों में प्रेजेन्टेशन, ट्रेनिंग, मार्केटिंग ऐडवार्टाइजिंग, प्रोड्क्ट कैटालॉग्स, इंस्टैंट मैसेजिंग एवं नेटवर्क कम्यूनिकेशन आदि शामिल है।
M1 R4 कॉमन मल्टीमीडिया फाइल फॉर्मेट्स के नाम Study Material in Hindi
फाइल फॉर्मेटेस एक फाइल का स्ट्रक्चर होता है जो यह बताता है कि यह हार्ड डिस्क पर किस तरह से स्टोर की गई है और स्क्रीन पर दिखने या प्रिंट के लिए किस प्रकार से इसका ले आउट बनाया गया है। फॉर्मेट काफी सरल और आम होता है (फाइलें प्लेन ASCII टेक्स्ट में स्टोर की जाती है) फिर यह काफी जटिल होता है और इसमें कई तरह के कंट्रोल निर्देश एवं कोड शामिल होते हैं जो प्रोग्राम, प्रिंटर एवं अन्य डिवाइसिस द्वारा इस्तेमाल किए जाते RTF (रिच टेक्स्ट फॉर्मेट), DCA (ड़ॉक्यूमेंट कंटेंट आर्कीटेक्टर), PICT, DIF (डाटा इंटरचेंज फॉर्मेट), DXF (ड्राइंग एक्सचेज फॉर्मेट) आदि इसके दाहणों में शामील है। जैसाकि वेब के शुरूआती दौर में ऑडियों के साथ होता था, एक वैब पैज के साथ मूवी / वीडियों जोड़ने का अर्थ है, अभी उपलब्ध मूवी/ वीडियों जोड़ने का अर्थ है, अभी उपलब्ध मूवी/ वीडियों फॉर्मेटों (जैसे Quick Time या AVI) में से एक का इस्तेमाल करना और इसे डाउनलोड करने के लिए प्ज के साथ लिंक करना।
स्ट्रीमिंग मीडिया के प्रादुर्भाव ने इसे बदल दिया है, और अब मवी/ वीडियों के कंटेंट जैसे मूवी ट्रेलर, न्यूज ब्रॉडकास्ट, यहाँ तक कि लाइव ब्राडकास्ट को भी क वेब साइट से जोना काफी प्रैक्टिल और सर्सविदित हो गाय है।
वेब से फाइलों को डाउनलोड करते समय, आप को कई अलग अलग प्रकार के फाइल फॉर्मेट मिलते हैं। फाइल के टाइप को पहचानने का तरीका है, इसके एक्सटेंशन को देखना जो सामान्यत: एक डॉट के बाद 2 से 4 अक्षरों द्वारा ही लिखा जाता है (.xxx)। पकों पाइल का टाइप पहचानना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे आप यह जान सकते हैं कि यह पके कम्प्यूटर पर कार्य करेगी या नहीं एवं क्या आपकों इसे डीकप्रैस करने, प्ले करने या देखने के लिए एक खास प्रकार के सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होगी या नहीं। कुछ मूवी वीडियों फाइल फॉर्मेट इस प्रकार है:
- . avi: विंडोज के लिए इस्तेमाल होने वाला स्टैंडर्ड मूवी वीडियों फॉर्मेट
- .mpg/mpeg: मूवीज को इंटरनेट पर सेव करने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक स्टैंडर्ड फाइल फॉर्मेट MPEG (मोशन पिक्चर एक्सपर्ट ग्रुप) कंप्रेशन स्कीम का प्रयोग किया जाता है।
- .mov: Quick Time मूवीज के लिए इस्तेमाल होने वाला कॉमन फार्मेट।
इमेज या ग्राफिक पाइल फॉर्मेट
इमेज या ग्राफिक फाइलों के लिए कई स्टैर्डर्ड होते हैं। लेकिन वे सभी एक दूसरे के अनुरूप या कंपैक्टिबल नहीं होते हैं। जबकि अधिकांश मल्टीमीडिया प्रोग्राम, व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार के ग्राफिक फॉर्मेटों को सव या लोड कर सकते हैं। इस सेक्शन में हम आप का परिचय कुछ लोकप्रिय इमेज फॉर्मेटों से करवाएँगे।
आप किसी भी इमेज के ग्राफिक फॉर्मेट की जाँच, इसके फाइल के नाम के साथ जुड़े एक्सटेशन को देख कर ही कर सकते हैंम।
TIFF
TIFF (टैग इमेज फाइल फॉर्मेट) का व्यापक प्रयोग ऐप्लीकेशन प्रोग्रामों के बीच बिटमैप इमेजों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। TIFF इमेजों में TIFFया TIFF का एक्सेटेंशन होता है इसे डेस्कटॉप पब्लिशिंग में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका प्रयोग फैक्स करने, 3-D ऐप्लीकेशनों एवं मेडिकल इमेजिंग ऐप्लीकेशनों में होता है। यह एक पाइल फॉर्मेट है जो USA के माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा डिवाइन किया गया है।
BMP ऴशझ (बिटमैप) फॉर्मेट एक डिस्प्ले स्पेस एवं इसके प्रतेयक पिक्सेल के लिए कलर को प्रभाषित करता है। एक बिटमैप, प्रत्येक लाइन पर स्थित प्रत्येक पिक्सेल के लिए सूचना नहीं चाहता है। यह केवल इतना चाहता है कि जैसे ही एक लाइन का कलर बदले, यह सूचना समें शामित हो जे। इस तरह क सॉलिड कलर वाली इमेज को केवल छोटा बिटमैप ही चाहिए होता है।
चूँकि एक बिटमैप, एक इमेज को स्पेसिफाई करने का एक फिक्स्ड तरीका इस्तेमाल करता है, इमेज को क नई परिभाषा बनाए बिना रीस्केल नहीं किया जा सकता है।
JPG/ JPEG
JPEG (जॉएंट फोटोग्राफिक एक्सपर्टस ग्रुप) फॉर्मेट एक बहुत ही कॉमन ग्राफिक पिल फॉर्मेट है जो वेब ऐप्लीकेशनों के लिए इस्तेमाल होता है।
GPEG फॉर्मेट, एक फोटोग्राफिक एक्सपर्टों के ग्रुप द्वारा बनाया गया था जो फुल कलर स्पेक्ट्र्म एवं कंटीन्युअस टोन इमेजों को स्टोर कर सके। JPEGइमेजों की वास्त्विकता काफी अधिक होती है और ये GIF फॉर्मेटों की अपेक्षा अधिक कंप्रेस्ड रूप में होते हैं। लेकिन JPEG फाइलों में, इंटरनेट से डाउनलोड की स्पीड बहुत कम होती है। अर्थात् इसमें उन ग्राफिक फाइलों के डाउन लोड बहोने में लंबा समय लगता है जो JPEG फॉर्मेट का इस्तेमाल करती है जबकि GIF फॉर्मेट इस्तेमाल करने वाली फाइले शीघ्र डाउनलोड हो जाती है।
जब आप एक JPEG इमेज बनाते है या एक इमेज को JPEG इमेज में परिवर्तित करते हैं, आप से उस इमेज की क्वालिटी स्पेसिफाई करने के लिए कहा जाता है जिसे आप चाहते हैं। चूँकि हायर क्वावलिटी के लिए अधिक मेमोरी स्पेस चाहिए होती है, अत: कोई भी इमेज क्वावलिटी वं फाइल साइज के बीच में समझौता कर सकता है।
GIF
GIF का अर्थ है ग्राफिक्स इटरचेज फॉर्मेट। यह एक दूसरा फॉर्मेट है जो व्यापक रूप से वल्ड वेब पर डिस्प्ले की जाने वाली पिक्चरों के लिए इस्तेमाल होता है। GIF फाइलों का एक्स्टेंशन है GIF ।
GIF इमेज फॉर्मेट CompuServe द्वारा बनाया गया था जिससे ऑन लाइन रहने के दौरान भी इमेजों को देखा जा सके। (यहाँ ऑन लाइन का अर्थ है जब प इंटरनेट पर कार्य कर रहे होते हैं) GIF फाइल फॉर्मेट अधिकतम 256 कलर्स को ही सपोर्ट करते हैं। अत: यदि कलरह की गहराई ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है तो आप GIF फाइल का विकाल्प चुन सकते हैं। यदि आप चाहते है कि आप क्वालिटी मेंटेन करें तो इमेंजों का कलर JPEG फॉर्मेट चुने।
PICT
PICT फॉर्मेट का प्रोयग व्य्पक रूप से एक मध्स्थ फाइल फॉर्मेट के रूप में होता है जिससे ऐप्लीकेशनों के बीच में इमेजों को ट्रांसफर किया जाता है। इसमें बिट मैप्ड या वेक्टर मैप्ड इमेजों को शामिल किया जाता है और इसमें विभिन्न प्रका की कंप्रेशन स्कीमों का प्रयोग किया जाता है। PICT फॉर्मेट उन इमेजों को कंप्रेस करने के लिए विशेष रूप से प्रभावी है जिनमें सॉलिड कलर का रिया बड़ा होता है। जब एक RGB इमेज को PICT फॉर्मेट में सेव किया जाता है तो आप या तो एक 16 बिट या 32 बिट पिक्सेल रिजॉल्यूशन को चुन सकते हैं। एक ग्रे स्केल इमेज के लिए आप 2 ,4 या 8 बिट प्रति स्केल में से चुन सकते हैं।
PDF का अर्थ है पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट। इस फॉर्मेट को Adobe ने बनाया था। यह एक फाइल फॉर्मेट है जो क प्रिटेड डॉक्यूमेंट के सभी एलीमेंटों को एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज के रूप में कैप्चर करता है इसके बाद इसे किसी अन्य व्य्क्ति द्वारा देखा जा सकता हैस नेवीगेट किया जा सकता है, प्रिंट किया अथवा फॉर्वर्ड भी किया जा सकता है। इन फाइलों को देखन और इस्तेमाल करने के लिए, आप को ऐक्रोबेट रीडर सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है।
PDF फाइले मैगजीन आर्टिकल्स, प्रोडक्ट ब्रोशर्स आदि डायक्यूमेटों के लिए उपयोगी होती हैं जिनमें ड़ॉक्यूमेंट की अपीयरेंस को बचाकर रखना चाहते हैं। क्योंकि PDF फाइले रीड ओन्ली होती है और इन्हें व्यूअर द्वारा आसानी से मॉडिफाई नहीं किया जा सकता है।
ADI
यह ऑटोकैड का डिवाइस इंडीपेडेंट बाइनरी प्लॉटर फॉर्मेट है। यह USA के ऑटोकैड कॉर्पोरेशन द्वारा बनाया गया एक वेक्टर फॉर्मेट है। ऑटोकैट एक लोकप्रिय इंजीनियरिंग ड्राइंग सॉफ्टवेयर पैकेज है।
Al
यह ऐडोब इलस्ट्रेटस का मेटाफाइल फॉर्मेट है। मेटाफाइले दो फाइले हैं यो जा तो बिट मैप्ड या वेक्टर ग्राफिक्स डाटा को शामिल करती है।
DLG
DLG का अर्थ है डिजिटल लाइन ग्राफ। यह क वेक्टर फॉर्मेट है जो भौगोलिक डाटा जैसे माउंटेन कंटूर्स आदि को स्टोर कर सकता है।
JFIF
JFIF का पूरा नाम है JPEG फाइल इंटरचेंज फॉर्मेट। इसे आम तौर पर JPEG ही कहा जाता है जिसमें फाइल नाम के साथ . JPG लगा होता है. JPEG फॉर्मेटों के बारे में पहले ही बाताया जा चुका है।
PNG
PNG का अर्थ है पोर्टेबल नेट्वर्क ग्राफिक्स (इसे पिंग बोलना जाता है)। यह GIF के बदले में बिना किसी कीमत के बनाया गया था। GIF को कॉमर्शियल सॉफ्टवेयर में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता है जब तक कि मालिक को लाइसेंस फी नहीं दे दी जाती है। PNG1 से 48 बिट इमेजों को हैंडल करता है एवं यह GIF की तरह ही lossless तथा अच्छी तरह से कंप्रेस किया जाने वाला फॉर्मेट है। लेकिन यह अभी बहुत लोकप्रिय नहीं हुआ है।
PS
PS, Adobe सिस्टम्स का पोस्टक्रिप्ट फार्मेट है। यह एक इमेज फॉर्मेट नहीं है, बल्कि यह एक पेज डिस्क्रिप्शन लैंग्वेज है, जिसे पहले इसलिए बनाया गया था ताकि कंप्यूटर लेजर प्रिंटरों को बिल्कुल सही सही पेज डिस्क्रिप्शन भेज सकें। आप पोस्ट स्क्रिप्ट के रूप में ब्लैक एंड व्हाइट या कलर पिक्चरें भी सेव कर सकते हैं लेकिन पोस्ट स्क्रिप्ट की फिल साइज काफी बड़ी होती है एवं इसले यह एक कुशल फॉर्मेट नहीं है। इसके अलावा, यह पेज का वास्त्विक साइज एवं शेप बचाए रखता है जब भी एक प्रिंटर पर प्रिटं करता है जिसमें पोस्ट स्क्रिप्ट ड्राइवर होता है।
EPS
EPS का अर्थ है एन्कैप्सुलेटेड पोस्ट स्क्रिप्ट फाइल फॉर्मेट। यह एक ऐसा फॉर्मेट है जो अन्य डॉक्यूमेंटों में शामिल किया जा सकता है, यदि आपका सॉफ्टवेयर इसे सपोर्ट करे। यह काफी कुछ पोस्ट स्क्रिप्ट फॉर्मेट की तरह ही होता है। इसमें एडोब के द्वारा डिजाइन किए हुए कम संख्या में इंग्लिश फाँट होते हैं।
PSD
PSD Adobe के फोटोशॉप का नेटिव फॉर्मेट है यह इसके सभी लेयर्स वं सिलेक्शन तता अन्य इमेज डाटा को इस फॉर्मेट में स्टोर करती है।
WMF
WMF का अर्थ है विंडोज मेटाफाइल फॉर्मेट। यह क मध्यवर्ती वेक्टर फॉर्मेट है जो विंडोज प्रोग्रामों के लिए होता है एवं डाटा को इंटरचेंज करते समय इसे इस्तेमाल किया जाता है।
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