SSC CGL TIER 1 Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi
SSC CGL TIER 1 Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) (Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi)
- सेबी की स्थापना 12 अप्रैल, 1988 को की गई थी परन्तु, इसे वैधानिक दर्जा 30 जनवरी 1992 को दिया गया था। इसकी स्थापना एस. ए. देव की संस्तुति पर हुई थी यह शेयर बाजार में होने बाले कारोबार को नियन्त्रित एवं विनियमित करता है।
- सेबी करने का अधिकार सेबी को दिया गया है। सेबी की प्रवर्तक कम्पनियाँ IDBI, ICICI, IFCI है।
भारतीय बैकिग
- भारत पहला बैंक, बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (1770) था
- सीमित देयता पर आधारित भारतीयों द्वारा संचालित पहला बैक अवध कॉमर्शियल बैंक (1881) था
पूर्ण रुप से पहला भारतीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक (1894) था।
रिजर्व बैक ऑफ इण्डिया (RBI)(Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi)
- रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया अधिनियम, 1934 के तहत 1 अप्रैल, 1935 को रु 5 करोड़ की पूँजी के साथ रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना की गई
- हिल्टन यग आयोग की अनुशंसा पर रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी, 1949 को किया गया इसका मुख्यालय मुम्बई में है।
- वर्तमान में रिजर्व बैंक इण्डिया करेन्सी नोज जारी करने की न्यूनतम कोष पद्धति अपनाता है। इसके अनुसार RBI के पास कुल मिलाकर किसी भी समय रु 200 करोड़ के मूल्य से कम नही होने चाहीए जिसमें से न्युनतम रु 115 करोड का स्वर्ण आवश्यत है।
- भारत में मौद्रक नीति RBI द्वारा बनाई तथा लागू की जाती है।
भारत की वर्तमान करेन्सी व्यवस्था
- भारतीय करेन्सी व्यवस्था की इकाई रुपये है जिसमें कागजी करेन्सी और सिक्के दोनों प्रचलित है। सिक्के एवं एक रुपये का नोट (जिसका मुद्रण अब बन्द कर दिया गया है ) भारत सरकार निर्गत करती है जबकि 5, 10, 20, 50, 100, 500 तथा 1000 रुपये के करेन्सी नोट भारतीय रिजर्व बैंक निर्गत करता है।
याद रखे
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बैक दर भारतीय रिजर्व बैंक इस दर पर , सदस्य बैंको को स्वीकार्य प्रतिभूतियों पर ऋण देता है।
रेपो दर इस दर पर सार्वजनिक एवं निजी बैंक अल्प अवधि के लिए अवधि के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं।
रिवर्स रेपो दर बैंको द्वारा अपनी अतिरिक्त राशि को रिजर्व बैंक में जमा करने पर रिवर्स रेपो दर से ब्याज मिलता है।
नकद आरक्षण अनुपात प्रत्येक व्यापारिक बैंक अपनू कुछ जमाओं का एक निर्धारित प्रतिशत भाग अपने पास सदैव नकद रुप में रखता है, जिसे नकद आरक्षण अनुपात CRR कहते हैं।
वैधानिक तरलता अनुपात बैकों को अपनी जमाराशियों का कम – से कम 25% के बराबर प्रतिभूतियों के रुप में रखना होता है। यह दर वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) है
रिजर्व बैंक के कार्य
- साख नियन्त्रण करना।
- विदेशी विनियम पर नियन्त्रण करना।
- सरकार एवं बैंक के रुप में कार्य करना।
- एक रुपये के सिक्के नोटों एवं छोटे सिक्कों को छोडकर विभिन्न नोटों का निर्गमन करना।
भारतीय स्टेट बैंक(Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi)
- सन् 1921 में तीन प्रेसीडेन्सी बैंको, बैक ऑफ बंगाल (1806) बैंक ऑफ बॉम्बे (1840), बैंक ऑफ मद्रास (1843) को मिलाकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया की स्थाप्ना की गई जिसका राष्ट्रीयकरण 1 जुलाई, 1955 को किया गया था राष्ट्रीयकरण के बाद इसको स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया कहा गया
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के पाँच सहायक बैंक हैं
- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर
- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
- स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
- स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
- स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर
बैंको का राष्ट्रीयकरण
- रु 50 करोड़ से अधिक पूँजी वाले 14 बडें व्यावसायिक बैको (जिनकी जमाएँ रु 50 करोड़ से अधिक थी) का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई 1969 को किया गया था।
- रु 200 करोड़ से अधिक पूँजी वाले 6 निजी बैंको का राष्ट्रीयकरण 15 अप्रैल, 1980 को किया गया था।
- वर्तमान में राष्ट्रीयकृत बैको की संख्य 19 है।
व्यापारिक बैको का वर्गीकरण
देश के व्यापारिक बैंको को दो भागों में विभाजित किया गया है।
- अनुसूचित बैक
- गैर- अनुसूचित बैक
- अनुसूचित बैंक वे है जिनका नाम रिजर्व बैंक अधिनियम (1934) की दितीय अनूसूची में होता है
- गैर अनुसूचित बैक बे है जिना नाम रिजर्व बैंक की दूसरी अनुसूची में नही होता है।
सहकारी बैंक
भारत में सहकारी बैंक विशेषकर ऋण वितरण एवं जमा संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहै है। सहकारी बैकिग क्षेत्र के विभिन्न कार्यो से जनता के विविध वर्गो की ऋण सम्बन्धी विशिष्ट आवश्यकताएँ स्थान एवं अवधि के अनुसार पूर्ण की जाती है। भारत में सहकारी साख आन्दोलन के आधार पर ग्राम्य स्तर पर प्राथमिक साख समितियाँ, जिला स्तर पर केन्द्रीय सहकारी बैंक तथा राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंक है।
- प्राथमिक सहकारी समितियाँ गाँव के 10 व्यक्ति मिलकर ऐसी समिति स्थापित कर सकते है। यह ग्रामीण स्तर पर कृषि क्षेत्र की अल्पकालिक ऋणों की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। यह एक वर्ष की अवधि के लिए अल्पकालीन ऋण देती है।
- जिला सहकारी बैंक यह दो प्रकार के है प्रथम जिनकी सदस्याता केवल सहकारी प्राथमिक समितियों को ही मिल सकती है तथा दितीय जिनकी सदस्यता प्राथमिक समितियों तथा व्यक्तियों दोनों को मिल सकती है। यह बैक राज्य सहकारी बैंक से ऋण लेकर अपनी चालू पूँजी में वृद्धि करत् है तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को ऋण देते हैं.
राज्य सहकारी बैंक
- यह राज्य का शीर्ष सहकारी बैक होता है और राज्य के मुख्यालय पर स्थापित होता है। इस बैंक का मुख्य कार्य केन्द्रीय सहकारी बैंक या जिला सहकारी बैक को ऋण सुविधाएँ प्रदान करना है।
- भारतीय करेन्सी व्यवस्था की इकाई रुपया है, जिसमें कागजी और सिक्के दोनों प्रचलित है। सिक्के एवं एक रुपये का नोट ( जिसका मुद्रण अब बन्द कर दिया गया है) भारत सरकार निर्गत करती है जबकि अन्य नोट भारतीय रिजर्व बैंक निर्गत करता है।
स्वदेशी एटीएम कार्ड ( रुपे कार्ड)
रुपे कार्ड स्वेदेशी एटीएम कार्ड है। यह कार्ड स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित है। इसे वीजा व मास्टर कार्ड की तरह प्रयोग किय जात है अभी देश में भुगतान के लिए वीजा व मास्टर कार्ड के डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड प्रचलन में हैं। ये कार्ड विदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित है। इस कार्ड को अप्रैल, 2011 में विकसित किया गया था इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने विकसित किया है। एनपीसीआई भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित संस्था है।
निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक
- ICICI बैंक
- इण्डस इण्ड बैंक
- बैंक ऑफ पंजाब
- टाइम्स बैक
- HDFC बैक
- सेचुरियान बैं
- IDBI बैंक
- ग्लोबल ट्रस्ट बैंक
सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (Bhartiya Pratibhuti Viniyam Board SEBI Study Material in Hindi)
इस बैं का पूर्व नाम भूमि विकास बैंक था। दीर्घावधि निवेश ऋण उपलब्धता को सहरज बनाने की दृष्टि से इसे दो श्रेणियों में विभक्त कर दिया। प्राथमिक स्तर पर प्राथमिक सहकारी तथा ग्रामीण विकास बैंक तथा राज्य स्तर पर राज्य सहकारी तथा ग्रामीण विकास बैंक।
क्रेडिट कार्ड
यह एक प्लास्टिक कार्ड है, कार्ड का जारीकर्ता, कार्ड के द्वारा उपभोक्ता को उधार की सीमा देता है, जिसके अन्तर्गत एक उपयोगकर्ता खरीदी गई वस्तुओं के भुगतान के लिए रुपये प्राप्त कर सकता है और नकद भी निकाल सकता है।
डेबिट कार्ड
डेबिट कार्ड को बैंक कार्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह खरीददारी करते समय भुगतान की वैकल्पिक पद्धति प्रदान करता है। कार्यात्मक रुप में इसे इलेक्ट्रॉनिक चेक कहा जा सकता है
किसान क्रेडिट कार्ड
इसे भारतीय रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड की योजना के तहत सन् 1998 में लागू किया गया। किसान कोई भी पहचान पत्र बैंक को उपलब्ध कराकर अपनी फसल के लिए आवश्यक ऋण ले सकता है। अब तक लगभग 10 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके है।
भारतीय बीमा उद्दोग
- भारत की प्रथम जीवन बीमा कम्पनी ओरिएण्टल लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी (1818) थी।
- भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना सन् 1956 ई. में रु 5 करोड़ की अधिकृत पूँजी से हुई थी।
- बीमा कम्पनियों का सर्वप्रथम राष्ट्रीयकरण 1 सितम्बर, 1956 को किया गया था
- बीमा नियामत एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) भरतीय बीमा क्षेत्र को नियन्त्रित करता है।
- भारतीय साधारण बीमा निगम (GIC) ने 1 जनवरी, 1973 से कार्य प्रारम्भ किया जिसकी चार सहायक कम्पनियाँ हैं
- नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटड
- ओरिएण्डटल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
- यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
- न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड
- कृषि हेतु वित्त उपलब्ध कराने वाली प्रमुख नाबार्ड (जुलाई , 1982) है।
- मालेगाम समिति का सम्बन्ध माइक्रो फाइनेंस से है।
- राष्ट्रीय कृषि बीमा की शुरुआत सन् 1999 में हुई
थोक मूल्य सूचकांक (WP)
थोक मूल्य सूचकांक द्वारा थोक मूल्यों के आधार पर मुद्रास्फीति की माप की जाती है। थोक मूल्य सूचकांक जनवरी, 1946 में शुरु हुआ जिसका आधार वर्ष 1939 था केन्द्र सरकार द्वारा अभिजीत सेन कार्यदल की संस्तुतियों के आधार पर नया थोक मूल्य सूचकांक सितम्बर, 2010 में जारी किया गया है, जिसका आधर वर्ष 2004-05 है। नये सूचकांक में कुल मिलाकर 676 वस्तुओं के मूल्य को शामिल किया गया है जिनमें 102 प्राथमिक वस्तुएँ, 19 ईधन व विद्दुत संवर्ग की वस्तुएँ व 555 विनिर्मित वस्तुएँ है।