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SSC CGL TIER 1 Heat Study Material In Hindi

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ऊष्मा

SSC CGL TIER 1 Heat Study Material In Hindi
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  • ऊष्मा एक ऊर्जा है, जिससे हमें वस्तु की गर्माहट का अहसास होता है। किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उस वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है।
  • इसका मात्रक कैलोरी, किलोकैलोरी तथा जूल है।
  • 1 कैलोरी = 4.186 जूल/कैलोरी

Temperature Study Material In Hindi  

ताप 

  • ताप, किसी वस्तु की गर्माहट तथा ठण्डक का मापन है।
  • जब दो वस्तुएँ सम्पर्क में स्थित होती हैं, तो ऊष्मा का प्रवाह सदैव ऊँची ताप वाली वस्तु से नीचे ताप वाली वस्तु में होता है।
  • सेल्सियस पैमाने में बर्फ के हिमांक को 00C तथा जल के क्वथनांक को 1000C माना जाता है। इस पैमाने का आविष्कार सन् 1710 में ए. सोल्सियस ने किया था।
  • फारेनहाइट पैमाने में जल के हिमांक को 320F तथा क्वथनांक को 2120F माना गया है। इसका आविष्कार फारेनहाइट नामक वैज्ञानिक ने सन् 1717 में किया था।

  • रयूमर पैमाने में जल के हिमांक को 00R तथा क्वथनांक को 800R माना गया है। इसका आविष्कार रयूमर नामक वैज्ञानिक ने सन् 1730 में किया था।
  • वस्तु के ताप को मापने के लिए जो यन्त्र प्रयोग किया जाता है, उसे थर्मामीटर कहते हैं। मानव सरीर का सामान्य ताप 370C या 98.40F है।
  • -400C पर ताप सेल्सियम और फारेनहाइट समान होते हैं।
  • डॉक्टरी थर्मामीटर 960F से 1100F तक के ताप को मापता है।
  • ताप के पैमाने का मापन C/5=(F-32)/9
  • पारे का हिमांक -390C होता है तथा इससे नीचे का ताप मापने के लिए एल्कोहॉल युक्त थर्मामीटर का प्रयोग किया जाता है। एल्कोहॉल का हिमांक -1150C होता है।

द्रव तापमापी   इस प्रकार के तापमापियों में स्थिर आयतन हाइड्रोजन गैस तापमापी से 5000C तक के ताप को मापा जा सकता है। यदि हाइड्रोजन के स्थान पर नाइट्रोजन गैस को लें 15000C तक के ताप का मापन किया जा सकता है।

तापयुग्म तापमापी   इसका उपयोग-2000C से 16000C तक के तापों के मापन के लिए किया जाता है।

पूर्व विकिरण उत्तापमापी   इस तापमापी से 8000C से ऊँचे ताप ही मापे जाते हैं; जैसे- सूर्य का ताप।

प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी   -2000C  से 12000C तक तथा तापयुग्म तापमापी- 2000C से 16000C तक के तापों को मापा जा सकता है।

  • ऊष्मा दिए जाने पर या ऊष्मा निकाले जाने पर जल का प्रसार 00C से  40C के बीच असाधारण-सा होता है। 00C से  40C तक गर्म करने पर जल का आयतन घटता है तथा  40C के बाद आयतन बढ़ता है। जल का घनत्व  40C पर सबसे अधिक होता है।
  • किसी भी वस्तु का ताप -273.150C से कम नहीं हो सकता है। इसे परम शून्य कहते हैं। इसे केल्विन पैमाने पर K लिखते हैं। अर्थात्

K=  -273150C एवं 27316K= 00C

SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers

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