SSC CGL TIER 1 Major Tribes Of India Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Major Tribes Of India Study Material In Hindi
भारत की प्रमुख जनजातियाँ

हिमाचल प्रदेश | गद्दी, गुज्जर, किन्नर आदि। |
जम्मू-कश्मीर | गद्दी, बकरवाल आदि। |
राजस्थान | भील, मीणा, कथोड़िया, गरासिया आदि। |
आन्ध्र प्रदेश | चेंचू, यनाड़ी, कुरुम्बा, खोण्ड, बगडाज, कोया, वगोटा आदि। |
केरल | इरुला, कुरुम्बा, कडार, पुलियान आदि। |
तमिलनाडु | टोडा, कोटा, कुरुम्बा, बड़ागा आदि। |
अण्डमान एवं निकोबार | ग्रेट अण्डमानी, निकोबारी, ओंगे, जारवा, शौम्पेन, सेंटेनलीज आदि। |
अरुणाचल प्रदेश | अप्तानी, मिशमी, डफला, मिरी, आका, सिंगपों, खामती आदि। |
झारखण्ड | सन्थाल, पहाड़िया, मुंडा, हो, बिरहोर, ओरावँ, खरिया, तमरिया आदि। |
असोम | चकमा, मिकिर, कचारी, बोरो आदि। |
मेघालय | गारो, खासी, जयन्तिया, हमार आदि। |
मणिपुर | कुकी, लेपचा, मुघ आदि। |
त्रिपुरा | भूटिया, चकमा, गारो, कुकी आदि। |
मिजोरम | मिजो, लाखेर आदि। |
पश्चिम बंग | असुर, भूमिज बिरहोर, लोधा, लेपचा, महाली, मालपहाड़ीया, पोलिया आदि। |
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड | खरवाड़, माँझी, कोल आदि। |
ओडिशा | जुआंग, सवारा, करिया, खोण्ड, कान्ध आदि। |
मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ | अगरिया, भील, सहरिया, कोरवा, हलवा आदि। |
Know Glossary SSC CGL TIER 1
शब्दावली
आधार रेखा टेढ़े-मेढ़े तट को मिलाने वाली कल्पित सीधी रेखा।
आन्तरिक जल स्थलीय भाग एवं आधार रेखा के मध्य स्थित सागरीय जल।
करेवा पीरपंजाल श्रेणी में 1500 से 1850 मी की ऊँचाई पर पाए जाने वाले झील निक्षेप।
मर्ग कश्मीर में लघु हिमालय के ढाल पर पाए जाने वाले छोटे-छोटे मुलायम घास के मैदान। उत्तराखण्ड में इन्हें बुग्याल या पयार कहा जाता है।
उत्तरी सरकार गोदावरी और महानदी के बीच का पुर्वी तटीय मैदान।
बैरन अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित भारत का एकमात्र सक्रीय ज्वालामुखी।
हिमनद एक बर्फ संहति जो उच्च स्थल से निम्न स्थल की ओर धीरे-धीरे खिसकती रहती है।
स्टोर हाउस ऑफ मिनरल्स विशाल खनिज भण्डारों की उपस्थिति के कारण छोटा नागपुर पठार को यह संज्ञा दी जाती है।
पाट राँची पठार के पश्चिमी भाग में लैटेराइट से ढके ऊँचे स्थान।
भाबर प्रदेश इसका निर्माण हिमालयी नदियों द्वारा लाई गई बजरी (कंकड़-पत्थर) के निक्षेपण के फलस्वरुप हुआ है। इसे शिवालिक का जलोढ़ पंख भी कहा जाता है। इसका विस्तार सिन्धु नदी से तिस्ता के बीच है। जहाँ नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
तराई प्रदेश इसका विस्तार भाबर प्रदेश के ठीक दक्षिण में है। यह निम्न समतल मैदान है जहाँ नदियों का पानी बहकर दलदली क्षेत्रों का निर्माण करता है।
बांगर प्रदेश यह नदियों द्वारा द्वारा लाई गई पुरानी जलोढ़ मिट्टी से निर्मित हैं। गंगा-यमुना का दोआब एवं सतलज का मैदान इसका उदाहरण है।
खादर प्रदेश यह नवीन जलोढ़ के जमा होने से बना है। इसकी उर्वरा शक्ति सबसे ज्यादा होती है।
माजुली असोम राज्य में ब्रह्रापुत्र नदी द्वारा निर्मित विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप।
गार्ज वृहद् हिमालय में नदियों द्वारा निर्मित खड़े कगार वाले खड्ड।
आम्र वर्षा पूर्व मानसून बौछारें जो केरल में मुख्यत: पड़ती हैं। यह वर्षा आमों को शाघ्र पकने में सहायक होती है। कर्नाटक में इसे कॉफी वर्षा या चेरी ब्लॉसम कहा जाता है।
काल बैसाखी असोम और पश्चिम बंग में बैसाख के महीने में चलने वाली भयंकर वर्षायुक्त पवनें। ये पवनें चाय, पटसन व चवाल के लिए अच्छी होती हैं।
ह्रूमस (Humus) किसी भी मृदा में पाए जाने वाले विच्छेदित कार्बनिक पदार्थ। इनका निर्माण विभिन्न पादप एवं जन्तु अवशिष्टों के विच्छेदन द्वारा होता है।
तूफान महोर्मि (Storm Surge) तटीय क्षेत्रों में अक्सर उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात के कारण समुद्र तल असाधारण रुप से ऊपर उठ जाता है जिसे तूफान महोर्मि कहा जाता है। यह वायु, समुद्र और जमीन की अन्त: क्रिया द्वारा उत्पन्न होता है।
अकाल फसलें बर्बाद होने से अन्न की कमी की स्थिति।
तृण अकाल चारा कम होने की स्थिति।
शोला वन नीलगिरि तथा अन्नामलाई पहाड़ियों के निकट पाए जाने वाले आर्द्र शीतोष्ण वनों का स्थानीय नाम।
बोरियल साइनो तिब्बत क्षेत्र से प्राप्त वनस्पतियाँ
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