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SSC CGL TIER 1 Male Reproductive System Study Material In Hindi

SSC CGL TIER 1 Male Reproductive System Study Material In Hindi

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नर जनन तन्त्र

SSC CGL TIER 1 Male Reproductive System Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Male Reproductive System Study Material In Hindi
  • वृषण (Testis) प्राथमिक जनन अंग है।
  • वृषण अण्डाकार होती है।
  • वृषणकोष का तापमान शरीर के तापमान से 20C कम होता है, जिस पर शुक्राणुओं का निर्माण होता है।
  • वृषणों की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई शुक्रजनन नलिकाएँ (Seminiferous tubules) होती हैं। शुक्राणु की लम्बाई 5 माइक्रॉन होती है यह तीन भागों में बाँटा होता है सिर, ग्रीवा और पूँछ। ये 30 दिन तक जीवित रहता है।
  • शुक्रनलिकाओं में शुक्रजननीय कोशिकाएँ (Spermatogenic Cells), जो शुक्राणु बनाती है तथा सस्टेन्टेकुलर कोशिकाएँ (Sustentacular Cells) या सरटोली कोशिकाएँ (Sertoli Cells), जो शुक्राणु कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती है, उपस्थित होती हैं।
  • वृषण में स्थित लीडिग की कोशिकाएँ (Leydig’s Cells), टेस्टोस्टीरॉन (Testosterone) हॉर्मोन का स्त्रावण करती है।

  • शुक्रवाहिकाएँ (Vas Efferentia) वृषण के शुक्राणु को वृक्क के मध्य वृक्क नलिका में ले जाने का कार्य करती हैं।
  • एपीडिडाइसिस (Epididymis) शुक्रवाहिकाओं का समूह होता है, जिसमें शुक्राणु परिपक्व होते हैं।
  • शुक्रवाहिनी (Vas deferens) एपीडिडाइमिस से निकलती है तथा मूत्रमार्ग (Urethra) के चारों ओर फैलकर शुक्राशय (Seminal vesicle) बनाती हैं।
  • यह शुक्राणुओं का संग्रह तथा चालन करती हैं।
  • शुक्राशय (Seminal vesicle) छोटी थैलेनुमा रचना है, जो मूत्र मार्ग में खुलता है।
  • शुक्राशय शुक्राणु के लिए कुण्ड (Reservoir) नहीं होते परन्तु श्यान द्रव्य बनाते हैं, जो वीर्य (Semen) के आयतन का भाग होता है, यह शुक्राणु को संरक्षण एवं पोषण प्रदान करता है।
  • प्रोस्टेट ग्रन्थि से स्त्रावित क्षारीय द्रव वीर्य का मुख्य भाग बनाता है।

Female Reproductive System Study Material In Hindi 

मादा जनन तन्त्र

  • अण्डाश (Ovaries) प्राथमिक मादा जनन अंग है।
  • स्त्रियों में दो अण्डाशय बादाम के आकर के भूरे रंग के होते हैं।
  • अण्डाशय में परिधि की ओर ग्राफियन पुटिकाएँ (Graafian follicles) होता है, जिनमें अण्डाणु का निर्माण होता है।
  • अण्डाणु स्थिर गोलाकार एवं निष्क्रिय होता है।
  • ये अण्डे एवं लिंग हॉरमोन प्रोजेस्टेरॉन उत्पन्न करते हैं।
  • अण्डवाहिनियाँ (Oviducts) या फेलोपियन नलिका (Fallopian tube) के मुख पर कीप के आकार की फिम्ब्रिएटेड कीप (Fimbriated funnel) होती है।
  • इसके बाद का कुण्डलित भाग फैलोपियन नलिका (डिबवाहिनी नली) (Fallopian tube) कहलाता है।
  • गर्भाशय (Uterus) में भ्रूण, अपरा (Placenta) के द्वारा जुड़ा रहता है।
  • नाशपति के आकार का गर्भाशय में निषेचित अण्ड का विकास।
  • योनि (Vagina) मूत्रमार्ग तथा गुदा के बीच अग्र भाग में पेशी झिल्लीय नलिका होती है।
  • मानवीय मादा के बाह्रय जनन अंगों को सामूहिक रुप से भग (vulva) कहते हैं यह मोन्स प्यूबिस (Mons pubis), वृहद्भगोष्ठ (Labia majora), लघुभगोष्ट (Labia minora), पेरिनियम (Perinium), भगशेफ (Clitoris), प्रघाण (Vestibule) आदि से मिलकर बनता है।
  • भगशेफ नर शिश्न के समांग (Homologous) होता है और संवेदनशील उच्छायी अंग है।

Reproductive Cycle in Females For SSC CGL TIER 1 

मादा में जनन चक्र

  • प्राइमेट्स में इसे रजोधर्म चक्र (Menstrual Cycle) तथा अन्य मादाओं में इसे मद चक्र (Estrous Cycle) कहते हैं।
  • रजोधर्म चक्र की तीन अवस्थाएँ होती हैं—क्रम प्रसारी स्त्रावी तथा मासिक अवस्था।
  • प्रत्येक अण्डाशय में संलग्न एक अण्डवाहिनी होती है अण्डवाहिनी आकृति के अनुसार निम्न प्रकार की होती है (i) अण्डनालिका (ii) गर्भाशय

SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers

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