UP Teachers Bharti Latest News in Hindi
UP Teachers Bharti Latest News in Hindi :हमारे देश शिक्षा का बहुत बुरा हाल है या तक कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं।और देश में शिक्षको के कम से कम नौ लाख से ज्यादा स्थान खाली पड़े है। और जिस पर केन्द्र सरकार जोर तो पुरा दे रही है। लेकिन राज्य उनकी बात पर ध्यान नही दे रहै है।और जिसका खुलासा मानव संसाधन मंत्रलय की उस से होता है, जिसमें बताया गया है कि देश में मौजूदा समय में नौ लाख से ज्याद। शिक्षकों की कमी है। जिसमे एकेले उत्तर प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा पद खाली है, और यह राज्या 1 स्थान पर है, वही गोवा, उड़ीसा और सिक्किम ही देश के ऐसे राज्य है जहाँ शिक्षको की कमी नही है।
वरणा कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जहां शिक्षक की संख्या पुरी हो और वो मौजूद हों। यह हालात तब हैं जब केंद्र बार-बार उन्हें आगाह कर रहा है।1चौंकाने वाली बात यह है कि मानव संसाधन मंत्रलय इसे लेकर राज्यों को कई बार एडवाइजरी भी जारी कर चुका है। बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी हुई है। लोकसभा में पेश में मानव संसाधन मंत्रलय ने कहा है कि शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए राज्यों के साथ लगातार विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। मंत्रलय ने बताया कि आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए केंद्र अपनी ओर से राज्यों को वित्तीय सहायता भी देता है, लेकिन शिक्षकों की यह कमी बनी हुई है।
मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इसकी मुख्य वजह राज्यों की अरुचि है, लेकिन इसका असर पूरी शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ रहा है।1इन राज्यों में है भारी कमी : मंत्रलय की के मुताबिक, 31 मार्च 2017 तक देश में शिक्षकों के कुल मिलाकर 9 लाख 316 पद खाली हैं। इनमें उत्तर प्रदेश पहले नंबर है, जहां शिक्षकों के 2.24 लाख पद खाली हैं। दूसरे नंबर पर बिहार है, जहां 2.03 लाख पद खाली हैं। पश्चिम बंगाल में करीब 87 हजार, झारखंड में 78 हजार, मध्य प्रदेश में 66 हजार, छत्तीसगढ़ में 48 हजार, राजस्थान में 36 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं।1स्कूलों में शिक्षकों की कमी के लिए राज्य जिम्मेदार : मानव संसाधन मंत्रलय ने यह भी साफ किया है कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार हैं।
मंत्रलय ने इस दौरान नियमों का भी हवाला दिया। जिसमें यह साफ कहा गया है कि अध्यापकों की भर्ती और सेवा शर्ते राज्य सरकारों के कार्य क्षेत्र में आती हैं। ऐसे में इन पदों को भरने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। मानव संसाधन मंत्रालय ने यह भी साफ किया हैं कि स्कूलों में हो रही शिक्षको की कमी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। क्योकि केन्द्र सरकार तो बार-बार जोर दे रही है कि शिक्षको की कमी को जल्द से जल्द पुरा किया जाये। और साथ ही मंत्रालय ने इस दौरान नियमों का भी हवाला दिया।