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SSC CGL TIER 1 Pathar Plateau Study Material in Hindi

SSC CGL TIER 1 Pathar Plateau Study Material in Hindi

SSC CGL TIER 1 Pathar Plateau Study Material in Hindi :

पठार

धरातल का विशिष्ट स्थल रुप जो अपने आस-पास के स्थल से पर्याप्त ऊँचा होता है तथा जिसका शीर्ष भाग चौड़ा व सपाट हो ‘पठार’ कहलाता है। सामान्यत: पठार की ऊँचाई 300 से 500 फीट होती है। कुछ अधिक ऊँचाई वाले पठार हैं- तिब्बत का पठार (16000 फीट), बोलीविया का पठार (12000 फीट), कोलम्बिया का पठार (7800 फीट)।

SSC CGL TIER 1 Pathar Plateau Study Material in Hindi
SSC CGL TIER 1 Pathar Plateau Study Material in Hindi

पामीर विश्व का सबसे ऊँचा पठार है। यह सागर तल से लगभग 5000 मी ऊँचा है। इसे विश्व की छत भी कहा जाता है।

  • तिब्बत का पठार   क्षेत्रीय विस्तार की दृष्टि से विश्व में सबसे बड़ा है। जो हिमालय तथा क्युनलून के मध्य है।
  • जम्मू-कश्मीर में हिमानी निक्षेप से छोटे-छोटे पठारों का निर्माण होता है। इन पठारों को मर्ग या मार्ग कहते हैं। सोनमर्ग, गुलमर्ग आदि ऐसे ही पठार हैं।
  • जीर्ण या वृद्ध पठार की पहचान उन पर उपस्थित ‘मेसा’ से होती है। मेसा कठोर चट्टानों से निर्मित सपाट संरचनाएँ हैं जो पठार पर अवशेष रुप में अपरदन के प्रभाव के बावजूद बची रह जाती हैं।
  • पठार क्षेत्रों में खनिज तेल नहीं पाया जाता है।

पठार के प्रकार

Types of Plateau For SSC CGL TIER 1

अन्तपर्वतीय पठार     पर्वत मालाओं के मध्य बने हुए

पर्वतपदीय पठार         पर्वत तल पर बने हुए

महाद्वीपीय पठार;      जैसे-दक्षिण का पठार

तटीय पठार                 समुद्र के तटीय भाग में स्थित पठार

गुम्बदाकार पठार;        जैसे-रामगढ़ गुम्बद (भारत)

मैदान

Know  Field For SSC CGL TIER 1

भूपटल पर निचले और समतल क्षेत्र मैदान कहलाते हैं। पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल के 41% भाग पर मैदानों का विस्तार है। ये 500 फीट से कम ऊँचाई वाले होते हैं।

अपरदनात्मक मैदान

नदी, हिमानी, पवन जैसी शक्तियों के अपरदन से इस प्रकार के मैदान बनते हैं।

जो निम्न हैं

लोएस मैदान   हवा द्वारा उड़ाकर लाई गई मिट्टी एवं बालू के कणों से निर्मित होता हैं।

कस्र्ट मैदान    चूने पत्थर की चट्टानों के घुलने से निर्मित मैदान।

समप्राय मैदान  समुद्र तल के निकट स्थित मैदान जिसका निर्माण नदियों के अपरदन के फलस्वरुप होता है।

ग्लेशियल मैदान  हिम के जमाव के कारण निर्मित दलदली मैदान, जहाँ केवल वन ही पाए जाते हैं।

रेगिस्तानी मैदान  वर्षा के कारण बनी नदियों के बहने फलस्वरुप इसका निर्माण होता है।

निक्षेपात्मक मैदान

नदी निक्षेप द्वारा बड़े-बड़े मैदानों का निर्माण होता है। इसमें गंगा एवं सतमज के मैदान, मिसीसिपी एवं ह्रांगहों के मैदान प्रमुख हैं। इस प्रकार के मैदानों में जलोढ़ का मैदान, डेल्टा का मैदान प्रमुख हैं।

नदी द्वारा निक्षेपण से बने मैदान

गिरिपाद जलोढ़ मैदान    नदी के साथ बहाकर लाए गए बड़े-बड़े शिलाखण्ड व मलबा पर्वतों के पादों (Foots) पर निक्षेपित कर दिए जाते हैं। भारत में इन मैदानों को भाबर कहते हैं।

बाढ़ मैदान     गंगा, सतलज, ह्रांगहो, नील, मिसीसिपी नदियों द्वारा बने बाढ़ के मैदान विख्यात हैं।

डेल्टा मैदान     गंगा, सिन्धु, नील, मिसीसिपी आदि नदियों के मुहानों पर बने मैदान डेल्टा मैदान हैं।

लावा मैदान     इटली, न्यूजीलैण्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेण्टीना आदि देशों में लावा मैदान के उदाहरण विद्यमान हैं।

पवन निक्षेपित मैदान      पवन द्वारा निक्षेपित मैदानों में मरुस्थलीय मैदान और लोएस का मैदान सम्मिलित हैं। उदाहरण- अफ्रीका के सहारा व थार मरुस्थल (भारत)।

लोएस मैदान

Know Lot Field For SSC CGL TIER 1

  • उत्तरी-पश्चिमी चीन का लोएस मैदान रेत व धूलकणों के जमाव से बना है।
  • लोएस जैसे मैदान को लिमोन तथा यू.एस.एन में एडोब कहते हैं।
  • कम्बोडिया में लोएस के मैदान नहीं पाए जाते हैं।
  • समप्राय (Peneplain) का निर्माण नदी द्वारा होता है। तथा पेडीप्लेन (Pediplain) का निर्माण पवन द्वारा होता है।

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