SSC CGL TIER 1 Vyvasthapika Legislature Study Material in Hindi
व्यवस्थपिका Legislature (Vyvasthapika Legislature Study Material in Hindi)
भारतीय संविधान ने देश की शासन प्रणाली के रुप में संसदीय शासन प्रणाली को चुना है। इस शासन व्यवस्था में विधायिका एवं कार्यपालिका का सुन्दर समन्वय दिखाइदेता है। भारतीय संविधान के तहत संधीय विधायिका को संसद की संज्ञा प्रदान की गई है, जो संघ के हितों एवं विकासात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नियम एवं कानून बनाती है। संविधान के भाग V के अन्तर्गत अनुच्छेद 79- 122 में व्यवस्थापिका के गठन, संरचना, अवधि, अधिकारियों, प्रक्रिया, विशेषाधिकार एवं शक्ति आदि के बारे में वर्णन किया गया है।

संघीय संसद Union Parliament (Vyvasthapika Legislature Study Material in Hindi
- भारत मे केन्द्रीय व्यवस्थापिका को संसद के नाम से सम्बोधित किया जाता है।
- भारतीय संसद का गठन लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति से मिलकर होता है।
राज्यसभा
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 80 संसद के अच्च सदन के रुप मे राज्यसभा का उल्लेख करता है। राज्यसभा मे सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है, इसके सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है।
- 233 सदस्यों का चुनाव 28 राज्यो तथा 2 केन्द्रशासित प्रदेशों (दिल्ली +पुदुचेरी) के विधानमण्डल द्वारा किया जाता है तथा शेष 12 सदस्यों ( कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा या सहकारिता के क्षेत्र में) का मनोनयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। राज्यसभा का गठन 6 वर्ष के लिए होता है। यह एक स्थायी सदन है जो कभी भंग नही किया जा सकता है। प्रत्येक 2 वर्ष पश्चात् , इसके 1/3 सदस्य अवकाश ग्रहण करते है।
- राज्यसभा में भी विपक्ष के नेता को कैबिनेट- स्तर का दर्जा प्राप्त होता है। राष्ट्रपति वर्ष में कम- से कम दो बार राज्यसभा का अधिवोशननन आहूत करता है।
- राज्यसभा की अन्तिम बैठक और अगले सत्र की प्रथम बैठक में छ: माह से अधिक अन्तर नही होना चाहिए
सदस्य की अनिवार्य योग्यताएँ
- वह भारत का नागरिक हो उसकी आयु 30 वर्ष से कम न हो
- वह भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी भी लाभ के पद पर न हो
- वह पागल य दिवालिया न हो। जस राज्य का वह प्रतिनिधित्व पाना चाहता है उस राज्य के संसदीय क्षेत्र का वह मतदाता हो।
सभापति
भारत का उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। सभापति की अनुपस्थिति में उपसभापति, सभापति के कर्त्तव्यों का पालन करता है उपसभापति को राज्यसभा के सदस्यों द्वारा अपने कुल बहुमत से प्रस्ताव पारित कर हटाया जा सकता है।
कार्य व शक्तियाँ
- राज्यसभा, लोकशभा के साथ मिलकर कानून बनाती है, संविधान में संशोधन करती है। संसद का अभिन्न अंग होने के कारण बिना इसकी सहमति के कोई विधेयक कानून नहीं बन सकता है।
- केवल राज्यसभा को यह अधिकार प्राप्त है कि वह संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन कर सके।
- केवल राज्यसभा को यह अधिकार प्राप्त है कि अनुच्छेद 249 के तहत चराज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित कर सके, ऐसा अब तक दो बार (1952 व 1986) में किया है।
- एक माह से अधिक यदि आपातकाल लागू रखना हो, तो उस प्रस्ताव का अनुमोदन लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों से पारित होना आवश्यक है
लोकसभा
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 81 के अन्तर्गत लोकसभा का गठनन 5 वर्ष के लिए किया जाता है।
- यह भारतीय संसद का निन्म सदन है जिसमे सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है, वर्तमान मे लोकसभा में सदस्यों की संख्या 545 है।
- 543 सदस्य विभिन्न राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेश की जनता द्वारा प्रत्यक्ष रुप से चुने जाते हैं व 2 सरदस्यों को राष्ट्रपति मनोतनीत करता है, ये आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करते है।
सदस्य की अनिवार्य योग्यताएँ
- वह भारत का नागरिक हो । उसकी आयु 25 वर्ष से कम न हो।
वह भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर आसीन हो - वह पागल य दिवालिया न हो
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कार्यकाल
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है किन्तु प्रधानमन्त्री के परामर्श पर राष्ट्रपति इस समय से पूर्व भी भग् कर सकता है।
पदाधिकारी
लोकसभा के सदस्यों में से ही अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का निर्वाचन होता है जिनका कार्यकाल 5 वर्ष होता है। वे समय से पूर्व भी त्याग – पत्र दे सकते हैं अथवा हो तिहाई मत से प्रस्ताव पारित कर उन्हें हटाया जा सकता है।
कार्य व शक्तियाँ
- राज्यसभा व राष्ट्रपति के साथ मिलकार लोकसभा कानून का निर्माण करती है।
- बजट पारित करना तथा कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष करता है।
- राज्यसभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन करती है।
- लोकसभा सदस्यों के माध्यम से मन्त्रियों पर नियन्त्रण स्थापित कर उन्है उनके दायित्वों के प्रति सतर्क बनाती है।
लोकसभा के अध्यक्ष
- प्रमथ लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर, एम. अनन्तशयनम आयंगर
- दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष एम. अनन्तशरयनम आयंगर
- तीसरी बार के अध्यक्ष थे हुकुम सिहं
- चौथी लोकसभा के अध्यक्ष नीलम संजीव रेड्डी, गुरुदयाल सिंह ढिल्लो
- पाँचवीं लोकसभा के अध्यक्ष गुरुदयाल सिंह, बलिराम भगत
- छठी लोकसभा नीलम संजीव रेड्डी. के. एम. हेगडे
- सातवीं लोकसभा के अध्यक्ष बलराम जाखड़
- आठवीं लोकसभा के अध्यक्ष बलराम जाखड़
- नौवीं लोकसभा के अध्यक्ष रवि राय
- दसवीं लोकसभा के अध्यक्ष शिवराज वी. पाटिल
- ग्यारहवीं लोकसभा के अध्यक्ष पी. ए. संगमा
- बारहवीं लोकसभा के अध्यक्ष जी. एम. सी. बालयोगी
- तेरहवीं लोकसभा के अध्यक्ष जी. एम. सी. बालयोगी, मनोहर गजानन्द जोशी
- चौदहवीं लोकसभा के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी
- पन्द्रहवीं लोकसभा के अध्यक्ष मीरा कुमार
- सोलहवीं लोकसभा के अध्यक्ष सुमित्रा महाजन
लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रतिनिधित्व(SSC CGL TIER 1 Vyvasthapika Legislature Study Material in Hindi)
राज्य | लोकसभा | राज्यसभा |
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कुल | 543 | 233 |