SSC CGL TIER 1 Bhartiya Rajvyvastha Study Material in Hindi
SSC CGL TIER 1 Bhartiya Rajvyvastha Study Material in Hindi : भारतीय राजव्यवस्था (Bhartiya Rajvyvastha Study Material in Hindi)
जाने अपने समाज एवं सरकार के बारे में
किसी राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था वह आधारभूत ढाँचा है जिसके अन्तर्गत उसकी जनता शासित होती है तथा राष्ट्र की उन्नति के लिए निर्धारित दायित्वों का निर्वाह करती है। राष्ट्र के लिए इस आधारभूत ढाँचे का निर्धरण संविधान द्वार सम्पन्न होता है। संविधान एक ओर तो राज्य का स्वरुप गठन, कार्य-क्षेत्र और अधिकार निर्धारित करता है वही दूसरी और नागरिको के अधिकारों और कर्त्तव्यों तथा राज्य एवं नागरिको के पारस्परिक सम्बन्धो की व्यवस्था करता है ।
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संविधान Study Material for SSC CGL TIER 1
सविधान लिखित और मौलिक दस्तावेज होता है, जिसके आधार पर किसी भी देश की शासन व्यवस्था संचलित की जाती है। भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन, 1946 को कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर किया गया था।
भारतीय संविधान का निर्माण (SSC CGL TIER 1 Study Material)
भारतीय संविधान विश्व का सबसे विशाल संविधान है। जिसके आधार पर किसी भी देश की शासन व्यवस्था संचलित की जाती है। भारतीय संविधान का निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था। प्रारम्भ में इसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियाँ थी। संविधान का निर्माण भारतीय जनता द्वार चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा बनी सविधान सभा द्वार किया गय़ा। सविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निर्धारित की गई जिसमे 292 ब्रिटिश प्रान्तो से 93 देशी रियासतों से एवं 4 कमिश्नरी क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होने थे प्रत्येक प्रान्त की सीटों को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर तीन प्रमुख समुदायो मुस्लिम, सिख और साधारण में बाँटा गया
सविधान सभा की प्रमुख समितियाँ एवं अध्यक्ष सचालन समिति – डॉ.राजेन्द्र प्रसाद
संघ संविधान समिति- पं. जवाहारलाल नेहरु
झण्डा समिति- जे. बी. कृपालानी
प्रान्तीय संविधान- सरदार वल्लभभाई पटेल
प्रारुप समिति- डॉं. भीमराव अम्बेडकर
देश का पहला अन्तरिम मन्त्रिमण्डल (SSC CGL Study Material)
पं. जवाहरलाल नेहरु वल्लभभाई पटेल बवदेव सिहँ सी.राजगोपालाचारी राजेन्द्र प्रसाद जगजीवनराम आई.आई.चुन्दरीगर | कार्यकारी परिषद् के उपध्यक्ष, विदेशी मामले एवं राष्ट्रमण्डल गृह, सूचना एवं प्रसारण रक्षा शिक्षा खाद्द एवं कृषि श्रम वाणिज्य
| जोगेन्द्र नाथ मण्डल जॉन मथाई सी. एच.भाभा
आसफ अली लयाकत अली खाँ अब्दुल रब नश्तर गजनफर अली खाँ | विधि उद्दोग तथा आपूर्ति कार्य, खान एवं बन्दरगाह रेलवे वित्त संचार स्वास्थ्य |
- बी. एन. राव को संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया
- सविधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसम्बर, 1946 को संसद भवन केन्द्रीय कक्ष में सम्पन्न हुआ था। डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा ने संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता की थी, जोकि अस्थायी तौर पर इस पद पर सुशोभित किए गए थे।
- 11 दिसम्बर, 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया ।
- पण्डित जवाहरलाल नेहरु ने संविधान सभा के समक्ष उददेश्य प्रस्ताव 13 दिसम्बर, 1946को प्रस्तुत किया, जो भारतीय संविधान की नींव थी
- उददेश्य प्रस्ताव को संविधान के रुप में परिष्कृत करने के लिए विभिन्न विषयों से सम्बन्धित समितियो का गठन किया गया जिनमे सबसे प्रमुख डाँ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यो वाली प्रारुप समिति थी
- 26 नवम्बर, 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया जिस पर 284 सदस्यो के हसताक्षर दर्ज है।
- 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू किया क्योकि सन् 1930से ही 26 जनवरी का दिन सम्पूर्ण भारत में स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता था इसलिए 26 जनवरी, 1950 को प्रथम गणतन्त्र दिवस मनाया गया
- संविधान सभा की अन्तिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई और इसी दिन सविधान सभा द्वार ड़ॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया
- ड़ॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रुप में जाना जाता है।
प्रस्तावना (SSC CGL TIER 1 Study Material in Hindi)
भारत के संविधान से पूर्व एक प्रस्तावन दी गई है जो संविधान के उददेश्यों ब आदर्शों की रुपरेखा प्रस्तुत करती है।
हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व- सम्पन्न, समाजवादी, पन्थ निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक, गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिको को:
समाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय;
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास धर्म
और उपासना की स्वतन्त्रता .
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त करने के लिए
तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढाने के लिए,
दृढ़ संकल्प होकर आपनी इस संविधान सभा में चआज तारीख 26 नवम्बर ,1949(मिति मार्गशीष शुक्ला सप्तमी, सम्वत् दो हजार छ: विक्रमी) को एतद् द्वार इस संविधान को आंगीकृत, अधिनियम्त और आत्मार्पित करते है।
संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी भी कहा जाता है।
संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष तथा अखण्डता शब्द 42 वें संविधान संशोधन द्वार सन् 1976 में जोड़े गए थे
संविधान के स्त्रोत (SSC CGL TIER 1 Study Material in Hindi)
भारतीय संविधान विश्व के विभिन्न संवैधानिक प्रावधानों तथा भारतीय शासन अधिनियम, 1935 का परिष्कृत रुप है।
इसके निर्माण में निम्न देशों के संविधानों से सहायता ली गई
भारतीरय संविधान के विदेशी स्त्रोत (SSC CGL TIER 1 Bhartiya Rajvyvastha)
देश का नाम | स्त्रोत |
संयुक्त राज्य
ब्रिटेन आयरलैण्ड
ऑस्ट्रेलिया
जर्मनी
कनाडा दक्षिण अफ्रीका रुस जापान | मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनर्विलोकन. संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतन्त्रता, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायलयो के न्यायाधीशों को हटाने की विदि एवं वित्तीय आपात। संसदात्मक शासन प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माँण प्रक्रिया नीति निदेशक सिद्धान्त, राष्ट्रपति के निर्वाचक- मण्डल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वार राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन, आपातकालीन उपबन्ध। प्रस्तावना की भाषा, समवर्त्ती सूची का प्रावधान, केन्द्र एवं राज्य के बीच सम्बन्ध तथा शक्तियों का विभाजन आपातकाल के प्रवर्त्तन के दौरन राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार सम्बन्धी शक्तियाँ। संघात्मक विशेषताएँ अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र के पास संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान मौलिक कर्त्तव्यों का प्रावधान विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया
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भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत है, लेकिन भारतीय संविधान पर सवसे आधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम-1935 का है। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो सन् 1935के अधिनियम से या तो शब्दश: ले लिए गए है या फिर उनमें कुध परिवर्तन हैं।
भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ (SSC CGL TIER 1 Study Material in Hindi)
प्रथम अनुसूची में भारतीय सघ के घटक राज्यों (29 राज्य) एवं संघ शासित क्षेत्रों (7) का उल्लेख है।
दूसरी अनुसूची में भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है।
तीसरी अनुसूची में विभिन्न पदाधिकारियों द्वार पद- ग्रहण के समय ली जानी वाली शपथ का उल्लेख है
चौथी अनुसूची में विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।
पाँचवीं अनुसूची में विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियन्त्रण के बारे में उल्लेख है।
छठी अनुसूची में असोम, मेघालय, त्रिपुरा मिजोरम राज्यो के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है।
सातवीं अनुसूची में केन्द्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बँटवारे के बारे में उल्लेख है। इसके अन्तर्गत तीन सूचियाँ हैं। संघ सूची (98 विषय). राज्य सूची (62 विषय) एवं समवर्ती सूची (52 विषय)।
भारतीय सविधान के प्रमुख भाग
भाग-1 संघ एव उसका राज्य क्षेत्र भाग-2 नागरिकता भाग-3 मौलिक अधिकार भाग-4 नीति-निदेशक तत्व भाग-5 (क) मूल कर्तव्य भाग-6 संघ भाग-7 राज्य भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र् भाग-11 संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध भाग-14 संघ एवं राज्यों के अधीन सेवाएँ | अनुच्छेद 1 से 4 अनुच्छेद 5 से 11 अनुच्छेद 12 से 35 अनुच्छेद 36 से 51 अनुच्छेद (क) 51 अनुच्छेद 52 से 151 अनुच्छेद 152 से 237 अनुच्छेद 239 से 242 अनुच्छेद 245 से 263 अनुच्छेद 308 से |