SSC CGL TIER 1 Elements Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Elements Study Material In Hindi
तत्व
- तत्व में केवल एक ही प्रकार के परमाणु उपस्थित होते हैं।
- अभी तक ज्ञात तत्वों की संख्या 118 है। इनमें से 94 तत्व प्राकृतिक हैं।
- तत्व जो कमरे के ताप पर द्रव है- पारा (Hg) तथा ब्रोमीन (Br2)।
- तत्व जो कमरे के ताप से थोड़े से अधिक ताप (303 K) पर द्रव होते हैं-गैलियम (Ga) तथा सीजियम (Cs)।
- तत्व को किसी भी भौतिक व रासायनिक विधि द्वारा दो या अधिक भिन्न गुणों वाले पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।
- तत्व धातु, अधातु तथा उपधातु सभी हो सकते हैं।
उदाहरण-हीरा, ग्रेफाइट, सल्फर (S8), फॉस्फोरस (P4)ओजोन (O3), ऑक्सीजन (O2)आदि।
- इनकी भू-पपर्टी (earth crust) में उपस्थिति का क्रम है ऑक्सीजन > सिलिकॉन > एल्युमीनियम (धातु) > लोहा (आयरन) > कैल्शियम > सोडियम > ऑक्सीजन > कार्बन > हाइड्रोजन > नाइट्रोजन
Know Compounds Study Material In Hindi
यौगिक
- इनमें एक से अधिक प्रकार के तत्व उपस्थित होते हैं।
- ये तत्व निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग से बनते हैं, जिन्हें उचित रासायनिक विधियों द्वारा विभक्त किया जा सकता है।
- इनके अवयवी तत्वों को सामान्य भौतिक विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है।
- इनके गुण, अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं।
उदाहरण-सिलिका (Sio2), जल (H2O), शर्करा (C6H12O6), नमक (NaCl) आदि।
Mixture For SSC CGL TIER 1
मिश्रण
- मिश्रण को दो से दो अधिक पदार्थों को किसी भी अनुपात में मिलाकर प्राप्त किया जा सकता है।
- ये समांगी भी हो सकते हैं अर्थात् इनके प्रत्येक भाग का संघटन समान होता है। उदाहरण- नमक का विलयन, चीनी का विलयन, वायु, विलयन आदि, अथवा विषमांगी भी अर्थात् इनके प्रत्येक भाग का संघटन समान नहीं होता।
उदाहरण-नमक व चीनी का मिश्रण, कोलॉइडी विलयन आदि।
- वायु अनेक धूल कणों और गैसों का मिश्रण है. समुद्री जल कई लवणों का जल में मिश्रण है जिसमें सोडियम क्लोराइड सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है। पीतल, ताँबे एवं जस्ते का मिश्रण होता है।
Solutions Or True Solutions For SSC CGL TIER 1
विलयन या वास्तविक विलयन
- ये दो या दो से अधिक पदार्थों के समांगी मिश्रण होते हैं।
- इनमें दो अवयव उपस्थित होते हैं एक जो कम मात्रा में उपस्थित होता है (इसे विलेय (Solute) कहते हैं) तथा अन्य जो अधिक मात्रा में उपस्थित होता है (इसे विलायक (Solvent) कहते हैं)।
- इनमें विलेय के कणों का आकार इतना छोटा होता है कि इन्हें नग्न आँखों द्वारा देखा नहीं जा सकता।
- विलयन अपने में से गुजरने वाले प्रकाश पुँज को प्रकीर्णित नहीं कर सकते।
- विलयम के अवयवों को छानकर पृथक नहीं किया जा सकता।
उदाहरण-चीनी का विलयन, आयोडीन टिंचर (अर्थात् आयोडीन का ऐल्कोहॉल में विलयन), वायु युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा वाटर (soda water), वायु, मिश्र-धातुएँ आदि।
विलयन की सान्द्रता को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है
भार प्रतिशतता (भार द्वारा) = (विलेय का भार/विलयन का भार) x 100
आयतन प्रतिशतता (भार/आयतन) = (विलेय का भार/विलयन का आयतन) x 100
- नॉमर्लता, मोललता तथा मोलरता, सान्द्रता को प्रदर्शित करने की अन्य विधियाँ हैं। इनमें से मोललता, तापमान में परिवर्तन से अप्रभावित रहती है।
- जिस विलायक का डाइइलेक्ट्रिक नियतांक जितना अधिक होता है, वह उतना ही अच्छा विलायक माना जाता है।
- सामान्यत: ठोस पदार्थों की विलेयता ताप बढ़ाने से बढ़ती है लेकिन कुछ ऐसे भी ठोस पदार्थ हैं जिनकी विलेयता ताप बढ़ाने से घटती है।
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