SSC CGL TIER 1 Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi
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आर्थिक नियोजन : एक परिचय Economic plan : An Introduction (Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi)
आर्थिक नयोजन से आशय एक संगठित आर्थिक प्रयास से है, रजिसमें राज्य द्वारा क निश्चि अवधि में सुनिश्चित , आर्थिक एवं सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्राकृतिक एवं आर्थिक संसाधनों तथा मानव संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से समन्वय एवं नियन्त्रण किया जाता है। दूसरे शब्दों में विवेकपूर्ण ढंग से समन्वय एवं नियन्तरण किया जाता है। दूसरे शब्दों में कुछनियोजन एक निश्चित अवधि के लिए अर्थव्यवस्था के विविध क्षेत्रों में कुछ आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति को द्दोतित करताहै, जिसका उददेश्य सीमित परिणाम में उपल्ब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम सम्भव उपयोग होता है।
सन् 1930 की आर्थिक मन्दी के बाद नियोजन की अवधारणा को लोकप्रियता हासिल हुई। इसने पूँजीवादी व्यवस्था विश्व में लोगों के आर्थिक कल्य़ाणों को बढावा देने में असफल रही है।
पूँजीवाद की मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था ने व्यापक स्तर पर बेरोजगारी, गरीबी, आय की असमानता और सामाजिक साध्यों के प्रति घोर उपेक्षा की स्थितियों को जन्म दिया, जिससे समाज न केवल अपनी व्यवस्था से असन्तुष्ट था बल्कि इसके निवारक विषय में भी सेचना आरम्भ कर दिया था इन सभी कारणों ने अर्थशास्त्रियों को इसका विकल्प ढूँढने के लिए बाध्य किया जो समाज के लिए उपयुक्त हो। इसके लिए स्पष्ट किया गया कि राज्य का बाजार तन्त्र में हस्तक्षेप नियोजन के माध्यम से होना चाहिए, जिससे जनकल्याम में वृद्धि हो सकें
आर्थिक नियोजन के प्रकार(Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi)
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आर्थिक नियोजन के अनेक रुप हो सकते हैं। नियोजन के प्रकार को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। इसे हम एक आरेख में व्यक्त कर सकते हैं।
भारत में नियोजन का इतिहास(Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi)
- भारत में आर्थिक नियोजन का सर्थप्रथम उल्लेख सर एम. विश्वेश्वरैया ने सन् 1934 में अपनी पुस्तक इकोनॉमी फॉर इण्डिया में किया था
- बॉम्बे प्लान नामक योजना सन् 1944 में मुम्बई के आठ उद्दोगपतियों ने प्रारम्भ की ।
- गाँधीवादी योजन श्रीमननारायण द्वारा सन् 1944 में प्रस्तुत गई
- सन् 1945 में श्री एम, एन राय ने पीपुल्स प्लान का निर्माण किया
- सर्वोदय योजना को जयप्रकाश नारय ने सन् 1950 में प्रस्तुत किया
- भारत मे प्रथम पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 1951 को प्रारम्भ की गई यह हैराल्ड- डॉमर मॉडल पर आधारित थी।
- दितीय पंचवर्षीय योजना पीसी महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी चौथी योजना को गाडगिल योजना भी कहा जाता है।
- तीसरी एवं चौथी पंचवर्षीय योजनाओं के मध्य तीन वार्षिक योजनाएँ तथा सातवीं व आठवीं के मध्य दो वार्षिक योजनाएँ चलाई गई थी
योजना आयोग(Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi)
भारत में योजना आयोग का गठन नियोगी समिति की सिफारिश पर 15 मार्च 1950 को किया गया । यह एक गैर संवैधानिक संस्था है, जिसका पदेन अध्यक्ष प्रधानमन्त्री (वर्तमान में नरेन्द्र मोदी है) होता है।
कार्य
देश के मौलिक, पूँजीगत एवं मानवीय संसाधनों का अनुमान लगाना।
राष्ट्रीय संसाधनों के प्रभावी एवं सन्तुलित उपयोग के लिए योजना तैयार करना
योजना के विभीन्न चरणों को निर्धारित करना एवं प्राथमिकता के आधार पर संसाधनों का आवण्टन करना।
योजना पत्रिका का प्रकाशन भारत सरकार के सूचना एवं प्रसरण मन्त्रालय द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) (Bhartiya Arthvyastha Aarthik Niyojan Study Material in Hindi)
राष्ट्रय विकास परिषद् का गठन आर्थिक नियोजन हेतु राज्यों तथा योरजना आयोग के बीच सहयोग का बातावरण बनाने के लिए 6 अगस्त , 1952 को किया गया ।
सन् 1967 के बाद से केन्द्रीय मन्त्रीपरिषद् के सभी सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासक तथा योरजना आयोग के सभी सदस्य़ इस निकाय के सदस्य होते है।
योजना आयोग के सदस्यो के साथ, राज्य के मुख्रयमन्त्रियों को मिलाकर इसका गठन कया जाता है।
यह भी एक गैर –संवैधानिक निकाय है, जिसका अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होता है।
कार्य
योजना के लक्ष्यों के निर्धारण व प्राथमिकीकरण में योजना आयोग को परामर्श देना
योजना आयोग द्वार तैयार की गई योजना का अध्ययन करने उसे अन्तिम रुप देना व स्वीकृति प्रदान करना।
योजनाको प्रभावित करने वाले आर्थिक एवं सामाजिक घटकों की समीक्षा करना
इण्डिया विजन 2020 इस दस्तावेज को योजना आयोग ने 23 जनवरी 2003को जारी किया था। इस दस्तावेज में भारत की सन् 2020 में स्थिति का पूर्वानुमान लगाया गया है।
इण्डिया विजन 2020: प्रमुख लक्ष्य
क्षेत्र | लक्षित विकास दर |
वयस्क पुरुष साक्षरता वयसक महीला साक्षरता गरीबी रेखा से नीचे वाली जनसंख्या GDP में कृषि का हिस्सा GDP में उद्दोग का हिस्सा GDP में सेवा क्षेत्र का हिस्सा बेरोजगारी दर जीवन प्रत्याशा शिशु मृत्यु दर | 96% 94% 12%. 6.0% 34.0% 60.0% 6.8% 69% 22.5% |