SSC CGL TIER 1 Badal Cloud Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Badal Cloud Study Material In Hindi :
बादल
हवा के रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा होने पर उसके तापमान के ओसांक से नीचे गिरने पर बादल बनते हैं। अल्प घनत्व के कारण ये वायुमण्डल में तैरते हैं।
- किसी भी समय पृथ्वी का लगभग आधा भाग बादलों से आच्छादित रहता है लेकिन उसके 3% भाग पर ही वर्षा होती है।
बादलों के प्रकार
Type Of Clouds For SSC CGL TIER-1
इनकी ऊँचाई, विस्तार, घनत्व तथा पारदर्शिता या अपारदर्शिता के आधार पर बादलों को चार रुपों में वर्गीकृत किया जाता है
1.पक्षाभ मेघ 2. कपासी मेघ
3.स्तरी मेघ 4. वर्षा मेघ
पक्षाभ मेघ पक्षाभ मेघों का निर्माण 8000-12000 मी की ऊँचाई पर होता है। ये पतले तथा बिखरे हुए बादल होते हैं, जो पंख के समान प्रतीत होते हैं। ये हमेशा सफेद रंग के होते हैं।
कपासी मेघ कपासी मेघ रुई के समान दिखते हैं। ये प्राय: 4000 से 7000 मी की ऊँचाई पर बनते हैं। ये छितरे तथा इधर-उधर बिखरे देखे जा सकते हैं। ये चपटे आधार वाले होते हैं।
स्तरी मेघ जैसा कि नाम से प्रतीत होता है ये परतदार बादल होते हैं जोकि आकाश के बहुत बड़े भाग पर फैले रहते हैं। ये बादल सामान्यत: या तो ऊष्मा के ह्रास या अलग-अलग तापमानों पर हवा के आपस में मिश्रित होने से बनते हैं।
वर्षा मेघ वर्षा मेघ काले या गहरे स्लेटी रंग के होते हैं। ये मध्य स्तरों या पृथ्वी की सतह के काफी नजदीक बनते हैं। ये सूर्य की किरणों के लिए बहुत ही अपारदर्शी होते हैं। कभी-कभी बादल इतनी कम ऊँचाई पर होते हैं कि ये सतह को छूते हुए प्रतीत होते हैं। वर्षा मेघ मोटे जलवाष्प की आकृति विहीन संहति होते हैं।
ये चार मूल रुपों के बादल मिलकर निम्नलिखित रुपों के बादलों का निर्माण करते हैं
ऊँचे बादल — पक्षाभ, पक्षाभ स्तरी, पक्षाभ कपासी
मध्य ऊँचाई के बादल — स्तरी मध्य तथा कपासी मध्य
कम ऊँचाई के बादल — स्तरी कपासी, स्तरी वर्षा मेघ एवं कपासी वर्षा मेघ।
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