SSC CGL TIER 1 Budget Study Material in Hindi

SSC CGL TIER 1 Budget Study Material in Hindi
बजट Budget (Budget Study Material in Hindi)
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सविधान के अनुच्छेद 112 के अन्तर्गत प्रत्येत वित्तिय वर्षके लिए जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है, केन्द्र सरकार की अनुमानित प्राप्तियों तथा व्ययों का विवरण संसद के सामने रखना आवश्यक होता है। सामान्य भाषा में बजट एक विवरण है, जिसमें आगमी वर्ष में शासन कितना खर्च करेगा और करों के माध्यम से कितनी आय प्राप्त करेगा, इसका उल्लेख होता है। बजट में विनियोग एवं राजस्व अधिनियमों का उल्लेक रहता है। विनियोजन से खर्च होता है और राजस्व से आय होती है।
इस प्रकार बजट एक प्रकार से अनुमानित आय- व्यय का ब्यौरा होता है।
बजट के सिद्धान्त (Budget Study Material in Hindi)
एक सन्तुलित बजट को निम्नलिखित आधार मानकों पर आधाररित होना चाहिए।
- पारदर्शिता
- नियातकालिक
- प्रचार युक्त
- व्यापकता
- सत्यशीलता
- एकता के सिद्धान्त के अनुरुप हो
- सरल भाषा
अगर अनुमानित आय अनुमामित व्यय से अधिक है, तो इसे बचत का बजट कहते है और यदि अनुमानित आय अनुमानित व्यय से कम है, तो इसे घाटे का बजट कहते है।
- भारत का प्रथम बजट 13 फरवरी, 1860 को जेम्स विल्सन ने प्रस्तुत किया।
- भारत में रेल बजट अलग से प्रस्तुत करने की व्यवस्था वर्ष 1921 में एकवर्थ कमेटी की संस्तुति पर आरम्भ हुई। बजट पर मतदान की प्रणाली वर्ष 1935 में हुई। स्वतन्त्र भारत् का पहला बजट आर के षणमुगम सेटटी ने 26 नवम्बर 1947 को प्रस्तुत किया।
- जे. एल नेहरु प्रथम प्रधानमन्त्री थे जिन्होने 1958-59 में बजट प्रस्तुत किया
- वर्तमान में सबसे अधिक बार बजट पेश करने का श्रेय मोरारजी देसाई को (8 बार) है।
- तेरहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष विजय एल.केलकर हैं तथा प्रथम वित्त आयोग (1951) के अध्र्यक्ष के.सी निरोगी थे।
14वें वित्त आयोग का गठन
- संविधान की धारा 280 में प्रदत्त शक्तियों के तहत सरकार ने 2 जनवरी 2013 को 14वें वित्त आयोग का गठन किया है। आयोग के अध्यक्ष रिजर्व बैक के पुर्व गवर्नर आ, बी रेड्डी है और इसमें चार अन्य सदस्रयों में सुषमानाथ (पूर्व केन्द्रीय वित्त सचिव ) डॉ.एस गोविन्द राव (निद्शक राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति आयोग ) शामिल है.
- प्रो. अभिजीत सेन इसके अंशकालिक सदस्य है। ये योजना आयोग के सदस्य है।
- आयोग केन्द्रीय करों के बंटवारे, राज्यों को दी जाने वाली नीतिगत सहायता और स्थानीय निकायों को संसाधनों के हस्तान्तरण सम्बन्धी अनुशंसा 31 अक्टूबर, 2011 तक प्रस्तुत करेगा।
प्रमुख आर्थि समितियाँ
के. एन. काबरा समिति | फ्यूचर ट्रेडिंग |
किरीट पारेख समिति | पेट्रोलियम पदार्थो के मूल्य निर्धारण हेतु |
सुरेश तेन्दुलकर समिति | गरीबी रेखा से नीचे की जनसंख्या के आकलन हेतु मानको के पुनर्निर्धारण के लिए |
न्यायमूर्ति रामनन्दन प्रसाद समिति | सर्वोच्च न्यायालय की क्रिमीलियर की पहचान के लिए एक विशेष समिति |
स्वामीनाथन समिति | समुद्रतटीय संसाधनों का पर्यावरणीय दृष्टि से दीर्घकालीन उपयोग सम्भव होने से सम्बन्धित |
अभिजीत सेन समिति | कृषिगत वस्तुओं के वायदा कारोबार से सम्बन्धित |
मानव विकास सूचाकांक
- मानव विकास सूचाकांक का सर्वप्रथम प्रकाशन सन् 1990 में यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोग्राम (UNDP) ने किया था।
- मानव विकास सूचकांक को बनाने में महबूब उल हक ए के. सेन तथा सिगर हंस अर्थशास्त्रियों का विशेष योगदान था
मानव विकास सूचकांक की रचना तीन सूचकों के आधार पर होती है
- जीवन प्रत्याशा सूचकांक
- शिक्षा सूचकांक
- जीवन निर्वाह का स्तर जिसमें क्ररय – शक्ति समायोजित प्रति व्यक्ति आय (डॉलर में) व्यक्त करते है।
- सन् 2015 में प्रकाशित सन् 2014 की मानव विकास रिपोर्ट में सबसे नीचा मानव विकास सूचकांक नाइजर का है। 188 देशों की सूची में भारत का स्थान जहाँ 130वाँ , वही उसके पडोसी देशों में श्रीलंका (73 वाँ स्थान ) व चीन (90वाँ स्थान) की स्थिति उससे बेहतर है, जबकि भूटान (132वाँ), पाकिस्तान (147वां) बाग्लादेश (142वां) नेपाल (145वाँ) व अफगानिस्तान (171वाँ स्थान ) इस मामले में भारत से पीछे है।
सर्वोच्च मानव विकास वाले पाँच देश
नार्वे, ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका, नीदरलैण्ड. जर्मनी
वैश्वक भुखमरी सूचकांक (GHI) (Budget Study Material in Hindi)
वैश्विक भूखमरी सूचकांक में एक बहु-आयमी सांख्यिकीय आँकडो का प्रयोग कर देस की भुखमरी के सन्दर्भ में स्थिति को स्पष्ट किया जाता है। इस सूचकांक को इण्टरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इन्स्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया था, इसका सर्वप्रथम प्रकाशन सन् 2006 में हुआ। यह सूचकांक प्रतिवर्ष निकाला जाता है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक तीन मानकों के आधार पर निकाला जाता है। इन तीनो मानको का समान महत्व है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक तीन मानको के आधार पर निकाला जाता है। इन तीनों मानकों का समान महत्व है।
- अल्प पोषित लोगों का अनुपात।
- पाँच वर्ष से कम आयु के औसत से कम वजन के बच्चों का अनुपात पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर।
- सन् 2016 में GHI में 118 विकासशील देशों को शामिल किया गया, जिनमें से 50 गम्भीर खतरनाक बीमारी की स्थिति में है। सन् 2016 की रिपोर्ट में सबसे खतरनाक स्थिति मध्य अफ्रीकी गणराज्य की है, जबकि भारत को 97 वाँ स्थान दिया गया है।