SSC CGL TIER 1 Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi
भारत् की संवैधानिक संस्थाएँ Constitutional Agencies of India(Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi)
SSC CGL TIER 1 Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi
भारत का मान्यायवादी (अनुच्छेद 76)
- महान्यायवादी भारत सरकार का विधि अधिकारी होता है।
- माहन्यायवादी न तो संसद सदस्य होता है न ही मन्त्रिमण्डल का सदस्यलेकिन फिर भी वह किसी भी सतदन मे बोल सकता है लेकिन उसे मत देने का अधिकार नहीं है। (अनुच्छे9द 88)
- महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
- महान्यायवादी के लिए वही अर्हताएँ होनी चाहिए रजो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के लिए होती है।
- इसको भारत के राज्य क्षेत्र के सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार है।
भारत का नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक (अनुच्छेद 148)(Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi)
- इसकी नियक्ति राष्ट्रपति करता है। किन्तु उसे पद से संसद के दोनों सदनों के समावेदन पर ही हटाया जा सकेगा और उसे साबित कदाचार या असमर्थता के आधार पर भी हटाया जा सकता है।
- इसकी पदावधि पद ग्रहण करने की विधि से 6 वर्ष तक होगी, लेकिन यदि इससे पूर्व 65 वर्ष की आयु प्रापत् कर लेता है, तो वह अवकाश ग्रहण कर तेता है।
- वह सेवानिवृत्ति के पश्चात् भारत सरकार चके अधीन कोई चपद धारण नहीं कर सकता।
- वह सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है।
- भारत तथा प्रत्येक राज्य तथा प्रत्येक संघ राज्य क्षेत्र की संचित निधि से किए गए सभी व्यय विधि के अधीन ही हुए हैं यह इस बात की संपरीक्षा करता है
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संघ लोक सेवा आयोग (अनुच्छेद 315)
- इसके अन्तर्गत संघ के लिए एक संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्यों के लिए एक राज्य लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया ।
- संघ लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष के अलावा 8 सरदस्य होते है।
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की मियुक्ति राष्ट्रपति द्वार की जाती है। 6 वर्ष या 65 वर्ष की चआयु से पूर्व जो पहले हो उसे ही उसका कार्यकाल माना जाएगा ।
- किन्तु दुराचरण तथा कदाचार के आधार पर इन्हें पद मुक्त किया जा सकता है।
- संघ लोक सेवा आयोग कार्मियो की नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ आयोजित करता है।
- वह स्थानान्तरण, पदोन्नति के के सन्दर्भ मे अपना योगदान हेता है।
- वह राष्ट्रपति द्वारा सौपे गए दायित्वों को भी पूरा करता है।
वित्त आयोग (अनुच्छेद 280)
- इसका गठन, एक अध्यक्ष तथा चार सदस्यों से मिलकर होता है।
- राष्ट्रपति द्वारा वित्त आयोग के अध्यक्ष तथा सधस्यों की नियुक्ति 5 वर्ष के लिए होती है।
- वित्त आयोग के अध्यभ एवं सरदस्यों के लिए योग्यताओं का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है।
- वित्त आयोग का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जिसे सार्वजिक क्षेत्र का अनुभव प्राप्त हो।
- वित्त आयोग के सदस्यों के लिए आवश्यक है कि वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होने की योग्यता रखता हो या ऐसा व्यक्ति जिसे वित्तीय विषयों और वित्तीय लेखा तथा प्रशासन का व्यापक ज्ञान तथा अनुभव हो
- केन्द तथा राज्यों के मध्य करों के शुद्ध आगमों के वितरण के सम्बन्ध में तथा राज्यों के मध्य शुद्ध आगमों के तत्सम्बन्धी भाग के आवण्टन के सम्बन्ध में
- भारत की संचित निधि में से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान की व्यवस्थित करने वाले सिद्धान्तों के सम्बन्ध में।
भारत के वित्त आयोग(SSC CGL TIER 1 Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi)
वित्त आयोग | गठन वर्ष | अध्यक्ष |
पहला दूसरा तीसरा चौथा पाँचलाँ छठा सातवाँ आठवाँ नौवाँ दसवाँ ग्यारहवाँ बारहवाँ तेरहवाँ चौदहवाँ | 1951 1956 1960 1964 1968 1972 1977 1983 1987 1992 1998 2003 2007 2013 | के. सी. नियोगी के. सन्थानम ए. के. चन्दा पी. वी राजमन्नार महावीर त्यागी ब्रहमानन्द रेड्डी
जे. एम शैलट वाई. बी चहाण एन. के. पी साल्वे के. सी, पन्त प्रो. ए.एम. खुसरो सी. रंगराजन विजय एल. केलकर वाई. वी रेड्डी |
ई- शासन (E- Governance)
- इसके अन्तर्गत सूचना प्रौद्दोगिकी द्वारा शासन प्रशासन की पहुँच जन- जन तक सुनिश्चित करना शामिल है।
- इसमें सूचना प्रौद्दोगिकी का बहु-संजाल सरकार से जनता कर, सरकार से व्यवसाय तक सरकार से सररकार तक सककार से कर्मचारी तक तथा नागरिक से नागरिक तक सुनिश्चित करता है।
उददेश्य
- सरकार की जवाबदेही एवं पारदर्शिता बढाना।
- सरकार के निर्णयों में सुधार।
- सरकार में लोगों के विश्वास में वृद्धि करना।
उपयोगिता(Sanvaidhanik Sansthyen Constitutional Agencies Study Material in Hindi)
- ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग भी देश –विदेश के घटनाक्रम से भली भाति परिचित हो सकेगे
- इसके माध्यम से योजनाओं तथा दस्तावेजों का सुव्यवस्थित रख रखाव सम्भव हो सकेगा।
- सूचाएँ सीधे सम्बद्ध व्यक्ति तक पहुँच सकेगी
निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324- 329)
- इसका गठन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं निर्वाचन आयुक्तों से किया जाता है, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वार की जाती है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक होता है अन्य चुनाव आयुक्तों में यह 6 वर्ष या 62 वर्ष है।
- पहले चुनाव आयोग एक सदस्यीय आयोग था परन्तु अक्टूबर 1993 में तीन सदस्यीय आयोग बना।
- सुकुमार सेन देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे। यह एक संवैधानिक संस्था है, जिसके गठन तथा क्रियाकलाप की चर्चा संविधान अनुच्छेद 324 में हैं।
कार्य
- चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन।
- मतदाता सूचियों को तैयार करना। विभिन्न राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना।
- राजनीतिक दलों को आरक्षित चिह्र प्रदान करना।
- चुनाव करवाना
- राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता तैयार करवाना।