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68500 Assistant Teacher Bharti Vigyan Mock Question Answer in Hindi

68500 Assistant Teacher Bharti Vigyan Mock Question Answer in Hindi

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Science Question Answer

68500 Assistant Teacher Bharti Vigyan Mock Question Answer in Hindi
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प्रश्न – न्यूटन के गति का द्वितीय नियम क्या है?

उत्तर – न्यूटन के गति का दूसरा नियम यह है कि, जब किसी वस्तु पर कोई बाह्रा बल आरोपित होता है, तो वह वस्तु बल की दिशा में त्वरित होती है और उसका त्वरण आरोपित बल के परिमाण के समानुपाती होता है।

प्रश्न – जड़त्व किसे कहते हैं?

उत्तर – किसी वस्तु की, अपनी विराम अवस्था अथतवा गतिशील अवस्था की स्थिति को स्वयं न बदलने की प्रवृत्ति (आभासी प्रतिरोध) को जड़त्व कहा जाता है।

प्रश्न – जड़त्व की माप किस प्रकार करते हैं?

उत्तर – किसी वस्तु के जड़त्व के रुप में परिलक्षित (व्यक्त) होने वाले गुण की माप उसके द्रव्यमान (संहति) द्वारा की जाती है।

प्रश्न – न्यूटन के गति का तृतीय नियम क्या है?

उत्तर – न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, जब कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर बल लगाती है। आरोपित बलों के परिमाण तो बराबर होते हैं पर उनकी दिशाएं परस्पर विपरीत होती हैं।

प्रश्न – रैखिक संवेग की परिभाषा स्पष्ट कीजिए?

उत्तर – किसी वस्तु का रैखिक संवेग उस वस्तु के द्रव्यमान और उसके वेग का गुणनफल होता है।

प्रश्न – संवेग की राशि तथा दिशा क्या होती है?

उत्तर – संवेग एक सदिश राशि है। इसकी दिशा वस्तु के वेग की दिशा होती है।

प्रश्न – बल का आवेग किसे कहते हैं?

उत्तर – बल का आवेग वस्तु पर लगे बल और बल लगने की अवधि का गुणनफल होता है।

प्रश्न – बल का आवेग तथा संवेग परिवर्तन किस प्रकार संबंधित हैं?

उत्तर – जब गति करने के लिए स्वतंत्र वस्तु पर बल लगता है, तब संवेग में परिवर्तन उसको दिए गए आवेग के बराबर होता है।

प्रश्न – आवेग किसे कहते हैं?

उत्तर – बल और उसके लगने की अवधि (समय) के गुणनफल को आवेग कहते हैं।

प्रश्न – बल किस प्रकार की राशि है?

उत्तर – बल एक सदिश राशि है।

प्रश्न – पनडुब्बियों में ऊपर देखने के लिए किस यंत्र का उपयोग होता है?

उत्तर – पनडुब्बियों में तथा युद्ध क्षेत्र में खाइयों में से देखने में पेरिस्कोप का उपयोग होता है।

प्रश्न – कैलाइडस्कोप क्या है?

उत्तर – कैलाइडस्कोप एक बहुमूर्तिदर्शी और रोचक खिलौना है, जिसमें समतल दर्पण द्वारा प्रकाश के परावर्तन का उपयोग होता है।

प्रश्न – उत्तल दर्पण से कैसा प्रतिबिंब बनता है?

उत्तर – उत्तल दर्पण से सदैव सीधा प्रतिबिंब बनता है।

प्रश्न – अवतल दर्पण प्रकाश किरणों को कब समांतर कर देता है?

उत्तर – अवतल दर्पण के फोकस पर यदि किसी प्रकाश स्त्रोत को रखें, तो इससे परावर्तित होकर वापस जाने वाली प्रकाश की किरणें समांतर पुंज के रुप में जाती हैं।

प्रश्न – दांत एवं आंख कान के डॉक्टर किस दर्पण का उपयोग आंतरिक स्थिति को देखने के लिए करते हैं?

उत्तर – दांत और आंख, कान व गले के डॉक्टर प्राय: अवतल दर्पणों का उपयोग रोगी के शरीर के वांछित स्थान पर प्रकाश को केंद्रित करने के लिए करते हैं।

प्रश्न – गोलीय दर्पण कैसे बनाया जाता है?

उत्तर – किसी खोखले गोले के एक भाग को काटकर, गोलीय दर्पण बनाया जाता है।

प्रश्न – गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर – गोलीय दर्पण मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं

  1. अवतल दर्पण (नतोदर दर्पण) तथा
  2. उत्तल दर्पण (उन्नतोदर दर्पण)।

प्रश्न – गोलीय दर्पणों के लिए परावर्तन के कौन-से नियम लागू होते हैं?

उत्तर – समतल दर्पण के लिए लागू परावर्तन के नियम गोलीय दर्पण के लिए भी लागू होते हैं।

प्रश्न – गोलीय दर्पण की फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या में क्या संबंध है?

उत्तर – किसी गोलीय दर्पण की फोकस दूरी f=r/2 होती है, जहां r  गोले की वक्रता त्रिज्या होती है।

प्रश्न – दाढ़ी बनाने का दर्पण किस प्रकार के दर्पण का बना होता है?

उत्तर – अवतल दर्पण को शेविंग (दाढ़ी बनाने का) दर्पण (मिरर) भी कहा जाता है।

प्रश्न – परावर्तन के नियम स्पष्ट करें।

उत्तर – परावर्तन के दो नियम हैं, जो निम्नलिखित हैं-

  1. आपतन कोण तथा परावर्तन कोण परस्पर बराबर होते हैं।
  2. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर सतह पर (खींचा गया) अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न – समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की आकृति किसके बराबर होती है?

उत्तर – किसी समतल दर्पण से बना प्रतिबिंब आमाप (साइज) में वस्तु (बिंब) के बराबर होता है। दर्पण से प्रतिबिंब तथा वस्तु की दूरी परस्पर बराबर होती है।

प्रश्न – क्या समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब पर्दे पर लिया जा सकता है?

उत्तर – समतल दर्पण से बना वस्तु का प्रतिबिंब पर्दे पर नहीं लिया जा सकता है।

प्रश्न – वास्तविक प्रतिबिंब किसे कहते हैं?

उत्तर – वह प्रतिबिंब जिसे किसी पर्दे पर लिया जा सके, वास्तविक प्रतिबिंब कहलाता है।

प्रश्न – प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है?

उत्तर – प्रकाश को यदि पदार्थ द्वारा इधर-उधर सभी दिशाओं में परावर्तित कर दिया जाए, तो इस प्रकार यादृच्छिक दिशाओं में प्रकाश के परावर्तन को प्रकीर्णन कहते हैं।

प्रश्न – प्रकाश का परावर्तन किस पर निर्भर करता है?

उत्तर – किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश का परावर्तन उसकी प्रकृति, सतह की स्थिति और सतह पर आपतित कोण के परिमाण पर निर्भर करता है।

प्रश्न – दर्पण किस प्रकार बनाए जाते हैं?

उत्तर – अधिकतर दर्पण कांच की पट्टी से बनाए जाते हैं, जिनकी एक ओर की सतह पर चांदी की बहुत ही पतली परत चढ़ी होती है और दूसरी ओर की सतह पर किसी अदीप्त वस्तु या पेंट की परत चढ़ी होती है।

प्रश्न – अवतल दर्पण से किस प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं?

उत्तर – अवतल दर्पण से वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) दोनों तरह के प्रतिबिंब बनते हैं।

प्रश्न – आवर्धन को परिभाषित कीजिए?

उत्तर – आवर्धन से यह परिलक्षित होता है कि, वस्तु की तुलना में कोई प्रतिबिंब कितना बड़ा अथवा कितना छोटा है।

प्रश्न – उत्तल दर्पण से किसे प्रकार का प्रतिबिंब बनता हैं?

उत्तर – उत्तल दर्पण पर आपतित किरणें परावर्तन के पश्चात सदैव अपसारित होती हैं। अत: दर्पण द्वारा सदैव आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंब बनता है।

प्रश्न – उत्तर दर्पण से बने प्रतिबिंब का आवर्धन कितना होता है?

उत्तर – उत्तर दर्पण में आभासी प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार से सदैव छोटा होता है। अत: आवर्धन सदैव एक से कम होता है।

प्रश्न – अवतल दर्पण के मुख्य फोकस से होकर जाने वाली किरण कहां से जाती है?

उत्तर – अवतल दर्पण के मुख्य फोकस से जाने वाली आपतित किरण परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समांतर जाती है।

प्रश्न – प्रकाश का अपवर्तन क्या है?

उत्तर – जब प्रकाश किसी एक माध्यम से किसी दूसरे माध्यम में जाता है, तब उसके संचरण की दिशा मार्ग या पथ बदल जाता है। यह घटना प्रकाश का अपवर्तन है।

प्रश्न – जल से भरा तालाब उथला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर – तालाब का उथला प्रतीत होना, जल में आंशिक रुप से रखी किसी छड़ का मुड़ी हुई दिखना आदि अपवर्तन के उदाहरण हैं।

प्रश्न – अपवर्तन किसे कहते हैं?

उत्तर – प्रकाश की किरणें एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाते समय अपने वास्तविक पथ से विचलित हो जाती हैं और यह प्रक्रिया प्रकाश का अपवर्तन कहलाती है।

प्रश्न – अपवर्तनांक किसे कहते हैं?

उत्तर – आपतन कोण की ज्या (Sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक स्थिरांक होता है। अर्थात्

आपतन कोण की ज्या (Sine) / अपवर्तन कोण का ज्या (Sine) = स्थिरांक

यह स्थिरांक अपवर्तनांक कहलाता है।

प्रश्न – लेंसों का उपयोग कहां होता है?

उत्तर – लगभग सभी प्रकाशित यंत्रों में लेंसों का उपयोग होता है।

प्रश्न – लेंस किस प्रकार बना होता है?

उत्तर – लेंस दो गोलीय सतहों अथवा एक समतल और एक गोलीय सतह द्वारा आबद्ध किसी पारदर्शी पदार्थ से बना होता है।

प्रश्न – लेंस के प्रकाश केंद्र से होकर जाने वाली किरण कहां जाती है?

उत्तर – किसी लेंस के प्रकाशित बिंदु (केंद्र) से होकर जाने वाली आपतित किरण बिना विचलित हुए इससे गुजर जाती है।

प्रश्न – अवतल लेंस से प्रकाश किरणों का अपवर्तन किस प्रकार होता हैं?

उत्तर – अवतल लेंस उस पर आपतित समांतर किरणों को अपसारित करता है।

प्रश्न – अवतल लेंस से बने प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी होती है?

उत्तर – अवतल लेंस द्वारा बना प्रतिबिंब सदैव आभासी और वस्तु से छोटा होता है।

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