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CTET UPTET Environmental Studies Animals Study Material in Hindi

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जन्तु The animals (CTET UPTET Environmental Studies Animals Study Material in Hindi)

जन्तु हमारी पृथ्वी पर जीव- जन्तुओं का एक विशाल संसार है। मानव जीवन के प्रारम्भिक दौर से आज तक पशुओं की उपयोगिता बनी हुई है। बालक  अपने जीवन में जीव-जन्तुओं के बारे में जानकारी परिवार से ही प्राप्त करता है, क्योंकि परिवार में विभिन्न प्रकार के जन्तु पाले जाते हैं। पालतू पशुओं का बालक के व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है। इन जानवरों के साथ खेलना बालक पसन्द करता है। पालतू पशुओं को परिवार के एक सदस्या समझकर उनके पोषण, देखभाल साफ-सफाई एवं सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है। बालक भई परिवार के सदस्यों का अनुकरण करते हुए उन्हे परिवार का हिस्सा समझ उनके प्रति मैत्री प्रदर्शित करता है। यदि पशु परिवार के भरण-पोषण में सहायक होते है, तो बालकों का उनसे विशेष लगाव हो जाता है। विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु उनमें क्रियाकलाप बालकों में कौतूहल उत्पन्न करते है, उनकी जिज्ञासा बढ़ती है और वे जीव-जन्तुओं के बारें में अधिक- से- अधिक ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रेरित होते हैं। परिणाम यह होता है कि बालक जीवों के स्वभाव, आवास, भोजन एवं कियाओं की जानकारी रखने लगते हैं। उन्हें यह समझ हो जीती है कि जीव –जन्तुओं को भी मनुष्य की तरह आवास, भोजन एवं जल की आवश्यकता होती है और वे भी वातावरणीय दशाओं से प्रभावित होते हैं। उनकी भी निश्चित दिनचर्या होती है। जीव-जन्तुओं के निकट रहकर बालक उनकी विशेषताओं को समझ पाता है। वह यह ज्ञान प्राप्त कर लेता है क पशुओं में भी संवेदना, संघर्ष एवं प्रेम पाया जाता है। जीवों की उपयोगिता मानव जीवन में किस प्रकार से है इसकी विस्तृत जानकारी शिक्षक अपने शिक्षण कार्य के दौरान बालको को प्रदान कर सकता है। पशुओं से सम्बन्धित सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को सरल, रुचकर एवं बोधगम्य बनाया जा सकता है। अनेक प्रकार के जन्तु जो शारीरिक रचना, स्वभाव, पोषण, आवास, उपयोगिता आदि की दृष्टि से भिन्न होते है, ये हमारें पर्यावरण के एक महत्वपूर्ण भाग है। उनका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है

  1. एककोशिकीय जन्तु इनका शरीर एक कोशिका का बना होता है ये सूक्ष्मदर्शीय होते है अर्थात इनकों सूक्ष्दर्शी की सहायता से ही देखा जा सकता है, जैसे –अमीबा, यूग्लीना, प3रामीशियम आदि।
  2. बहुकोशिकीय जन्तु इनका शरीर अनेक कोशिकाओं से निर्मित होता हैं।
  3. आत्मपोषी जन्तु ऐसे जन्तु जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। प्राय: सभी जन्तु अपने पोषण के ले दूसरों पर निर्भर रहते हैं। केवल यूग्लीना में आत्मपोषी होने के लक्षम पाए जाते है, क्योकि इसमें क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है।
  4. परपोषी जन्तु प्राय: सभी जन्तु परपोषी होते है, जो अपने पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहते है, परपोषी कहलाते है।
  5. अण्डयुज डा देने वाले जन्तु अण्डयुज की श्रेणी में आते है जैसे पक्षी, मेंढ़क, छिपकली तथा स्तनधारियों में डकबिल प्लेटिपस एवं एकीडना।
  6. जरायुज बच्चा देने बाले जन्तु जरायुज कहलाते हैं, जैसे –हाथी, मनुष्य आदि।
  7. अकशेरुकी जन्तु जिनके शरीर में अस्थियों एवं उपस्थियों का कंकाल नहीं होता है अर्थात इनमें हडिडयाँ नहीं होती है, जैसे केचुआ, दीमक, बिच्छु केकड़ा आदि।
  8. कशेरुकी जन्तु जिनमें अस्थियों एवं उपस्थियों का बना कंकाल पाया जाता है जैसे कुत्ता, मेंढ़क, सर्प, पक्षी, गाय, मनुष्य आदि।
  9. स्तनधारी जन्तु ऐसे प्राणी जिसके शरीर पर बाल पाए जाते है, वे बच्चा देते हैं (डकचविल प्लेटिपस एवं एकीडना को छोड़कर) इनमें स्तनग्रन्थियाँ होती है, जैसे हाथी, गाय हिरन, चूहा, मनुष्य आदि।
  10. जलीय जन्तु जल में पाए जाने वाले जनतु जलीय जन्तु कहलाते है, जैसे मछ्ली, तारामछली, स्पंजे आदि।
  11. स्थलीय जन्तु जमून पर पाए जाने वाले जन्तु स्थलीय जन्तु कहलाते हैं। इनका आवास स्थल होता है, जैसे मनुष्य, छिपकली, चूहा, बन्दर आदि।
  12. मरूस्थलीय जन्तु जन्तु ऐसे स्थानों पर पाए जाते हैं जहाँ जल की कमी होती है अर्थात मरुस्थल में जैसे –रेगिस्तान का जहाज (ऊँट), विषेली छिपकली आदि।
  13. वायुवीय जन्तु वायुमण्डल में विचरण करने वाले जन्तु वायुवीय जन्तु कहलाते हैं। इनका शरीर वायुवीय जीवन के लिए अनुकूलित होता है, जैसे चमगादड़, ड्रैको, पक्षी आदि।

जन्तुओं से लाभ (CTET UPTET Environmental Studies Practice Paper)

जन्तु पर्यावरण के मुख्य घटक के रूप में पाए जाते है। विभिन्न प्रकार के जन्तु हमारे लिए उपयोगी एवं लाभदायक होते है। इनका संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है

उपयोगी व प्राप्त पदार्थ

शहद एवं मोम

रेसम

लाख

खाद्द-पदार्थ (दूध, माँस, अण्डा)

ऊन

चमड़ा

मधुमक्खी

रेशम की कीट

लाख का कीट

गाय, भैस, बकरी, मुर्गी, बत्तख टिडडा, केकड़ा, मछली आदि।

भैड़, बकरी,  ऊँट, खरगोश आदि।

गाय, बैल, भैस, हिरऩ, भेड़ आदि।

CTET UPTET Environmental Studies Animals Study Material 2018 in Hindi

यातायत एवं भार हेतु प्रयोग होने वाले जन्तु घोड़े, खच्चर, बैल, ऊँट आदि।

सफाई करने वाले जन्तु चील, कौआ, गिद्ध, कुत्ता, लोमड़ी भेडिया, गुबरैले आदि।

दवा प्रदान करने वाले जन्तु सुअर की चर्बी, शार्क एवं कार्ड मछली का तेल आदि।

पालतू जन्तु गाय, भैस, हिरन, खरगोश आदि।

पहरा देने वाले जन्तु कुत्ता

मनोरंजन करने वाले जन्तु मुर्गे की लड़ाई, बन्दर का नाच, भालू का नाच आदि।

किसानों का मित्र केंचुआ।

जन्तुओं से हाथि (CTET UPTET Study Material)

मनुष्य में जन्तुओं के कारण विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते है और पैलते हैं।

परजीवी जन्तु जो अपने पोषण के लिए दूसरों पर आश्रित रहते हैं।

  1. अन्त:परजीवी ये शरीर के अन्तर पाए जाते है, जैसे- ऐस्केरिस, फीताकृमि आदि.
  2. बाह्म परजीवी 1. अस्थायी बाह्म परजीवी-मच्छर, खटमल आदि। 2. स्थायी बाह्रा परजीवी-जूँ, किलनी, चीलर आदि।

मानव सम्पत्ति एवं फसल को क्षति पहुँचाने वाले जन्तु दीमक, टिड़डा, चूहा, तोता, रजत मछली आदि।

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