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SSC CGL TIER 1 Atomic Structure Study Material In Hindi

SSC CGL TIER 1 Atomic Structure Study Material In Hindi

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परमाणु संरचना

SSC CGL TIER 1 Atomic Structure Study Material In Hindi
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जॉन डाल्टन ने सन् 1803 में परमाणु सिद्धान्त का प्रतिपादन किया इसके अनुसार परमाणु अविभाज्य होता है। परन्तु आधुनिक खोजों से यह ज्ञात हुआ कि परमाणु विभाज्य है तथा अनेक अवपरमाण्विक कणों से मिलकर बना है।

Elements Of Atom For SSC CGL TIER 1

परमाणु के अवयव

  • इलेक्ट्रान, प्रोटॉन तथा न्यूटॉन परमाणु के मौलिक कण हैं।
  • परमाणु में एक केन्द्रीय नाभिक (Nucleus) उपस्थित होता है जो ऋणावेशित (Negatively charged) इलेक्ट्रॉनों के द्वारा घिरा रहता है।

इलेक्ट्रॉन  Electron, -1e0  

  • यह परमाणु का ऋणावेशित मूल कण है, इसकी खोज जे.जे. थॉमसन ने की थी।
  • ये नाभिक के चारों ओर घूमते हैं, इसका द्रव्यमान -9.1 X 10-31 किग्रा या 0.000554 u होता है।
  • अत: इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान लगभग शून्य माना जाता है। इस पर इकाई ऋण आवेश रहता है अर्थात् इसका आवेश

-1.6 X  10-19 कूलॉम होता है (मिलिकन तेल बूँद प्रयोग द्वारा)

  • इसका प्रतिकण पॉजिट्रॉन है।

प्रोटॉन Proton, 1p1

  • इसकी खोज गोल्डस्टीन ने की थी।
  • यह धनावेशित (Positively charged) होते हैं।
  • इसका आवेश -1.6 X 10-19 कूलॉम तथा द्रव्यमान 1.673 X 10-27 किग्रा या 1.00734u होता है।
  • ये नाभिक में उपस्थित होते हैं। इनका द्रव्यमान, इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का 1836 गुना होता है।
  • प्रोटॉन का सापेक्ष द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है और इस पर इकाई धन आवेश रहता है।

न्यूट्रॉन Neutron, 0n1

  • इसकी खोज चैडविक ने की थी।
  • इसका आवेश शून्य तथा द्रव्यमान -1.674 X 10-27 किग्रा या 1.00872 u होता है।
  • ये नाभिक के अन्दर स्थित होते हैं। इसका प्रतिकण ऐन्टिन्यूट्रिनों है।
  • इसका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है लेकिन इस पर कोई आवेश नहीं रहता है।
  • केवल हाइड्रोजन -1 एक ऐसा स्थायी नाभिक है जिसमें न्यूटॉन नहीं होते हैं।
  • इलेक्ट्रॉन, नाभिक से विद्युत चुम्बकीय बलों द्वारा बँधे होते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनों व प्रोटॉनों की समान संख्या वाला परमाणु उदासीन होता है। यदि इलेक्ट्रॉनों की संख्या, प्रोटॉनों से कम हो (अर्थात् यह इलेक्ट्रॉन न्यून हों) तो परमाणु पर धनावेश होता है तथा यदि इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों से अधिक हो, तो परमाणु पर ऋणावेश होता है अर्थात् परमाणु आयन में परावर्तित हो जाता है।
  • लूईस दे-ब्रॉग्ली के अनुसार, सभी कण, तरंग के समान व्यवहार करते हैं।

SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers

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