SSC CGL TIER 1 Birth Control Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Birth Control Study Material In Hindi
जन्म नियन्त्रण
- जन्म नियन्त्रण उपाय, जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए प्रभावकारी साधन है।
जन्म नियन्त्रण करने की वैज्ञानिक विधियाँ निम्न हैं
- गर्भ निरोधक वस्तुओं का प्रयोग (Use Of Contraceptives Study Material In Hindi)
यान्त्रिक विधियाँ (Mechanical Methods) जैसे—कण्डोम, डायफ्राम, अन्तरा गर्भाशय विधि (Intra Uterine Device—IUD) का प्रयोग।
रासायनिक विधियाँ (Chemical Methods) जैसे—जेली, फोम, क्रीम तथा मुखीय गोलियाँ (एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टेरॉन, माला-D)
- गर्भपात (Abortion For SSC CGL TIER 1)— चिकित्सकीय गर्भ समापन
(Medical Termination Of Pregnancy –MTP)
- नसबन्दी (Sterilization Study Material In Hindi)
- वेसेक्टॉमी (Vesectomy) – पुरुषों में नसबन्दी
- ट्यूबेकटॉमी (Tubectomy) – स्त्रियों में नसबन्दी
- प्राकृतिक उपाय (Natural Methods)
क्रम प्रसारी अवस्था Proliferative Phase Study Material In Hindi
- FSH पुटिकाओं को एस्ट्रोजन के स्त्रावण के लिए प्रेरित करता है। इस अवस्था का अन्तराल 10-12 दिनों का होता है।
स्त्रावित अवस्था Secretory Phase For SSC CGL TIER 1
- कॉर्पस ल्यूटियम प्रोजेस्टीरॉन तथा एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा का स्त्रावण करती है।
- इस अवस्था का अन्तराल 12-14 दिन का होता है।
मासिक अवस्था Menstrual Phase Study Material In Hindi
- यह पुराने मासिक चक्र की अन्तिम तथा नये मासिक चक्र की प्रारम्भिक अवस्था होती है।
- यदि अण्डाणु निषेचित नहीं है, तो कॉर्पस ल्यूटियम, प्रोजेस्टीरॉन स्तर में कमी के कारण नष्ट हो जाता है।
- इसमें एण्डोमीट्रियम के टूटने से रुधिर का स्त्राव होता है। यह स्त्राव लगभग 5 दिन चलता है।
- यह FSH, LH, एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टीरॉन के द्वारा नियंत्रित होता है।
परखनली शिशु Test-tube Babies For SSC CGL TIER 1
- परखनली शिशु, एक ऐसी विधि है, जिसमें निषेचन माँ के गर्भाशय से बाहर परखनली में होता है। इस विधि में भ्रूण को 32-कोशिका अवस्था में किसी प्रतिनिधि माता (Surrogate mother) के गर्भाशय में अगले विकास के लिए स्थापित किया जाता है।
- संसार का सर्वप्रथम परखनली बच्चा लुईस जोय ब्राउन (Louis Joy Brown) नामक लड़की है, जिसका जन्म 1978 में इंग्लैंड में हुआ।
Know Amniocentesis For SSC CGL TIER 1
एम्निओसेन्टेसिस
- यह एक जन्म से पूर्व निदान तकनीक है, जिससे निम्न जानकारी ली जा सकती है।
- बार बॉडी (Bar bodies) द्वारा विकसित होते हुए भ्रूण का लिंग जानना।
- भ्रूण में उपापचयी रोग विकारों (Metabolic disorders) को जानना।
- भ्रूण में आनुवांशिक त्रुटियों (Genetical Errors) को जानना।
SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers