68500 Assistant Teacher Written Exam Shikshan Kaushal Topic Study Material in Hindi
68500 Assistant Teacher Written Exam Shikshan Kaushal Topic Study Material in Hindi
प्रश्न- विज्ञान शिक्षण का क्या उद्देश्य है?
उत्तर- विज्ञान शिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थी को तथ्यों, संकल्पनाओं, सिद्धांतों, प्रक्रियाओं तथा युक्तियों का ज्ञान प्रदान करना है।
प्रश्न- ‘विज्ञान’ की एक उपयुक्त परिभाषा लिखिए?
उत्तर- किसी वस्तु के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते हैं।
प्रश्न- प्रेक्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- ‘प्रेक्षण’ देखने अथवा ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्रकृति के बारे में महत्वपूर्ण सूचना अथवा वस्तुओं, मनुष्यों, पौधों, जानवरों और आस-पास की घटनाओं के बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने की क्रिया है।
प्रश्न- वैज्ञानिक दृष्टिकोण की प्रमुख विशेषताएं कौन-सी हैं?
उत्तर- वैज्ञानिक दृष्टिकोण की विशेषताएं हैं- वातावरण को समझने और सीखने की इच्छा रखना, वातावरण का ध्यानपूर्वक प्रेक्षण करना, प्रेक्षण का रिकॉर्ड रखना, उसकी रिपोर्ट रखना और व्याख्या करना, बिना किसी सही प्रमाण के उसे स्वीकार या अस्वीकार न करना, जब तक निश्चित न हो निर्णय को रोका जाए।
प्रश्न- उपागम से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- उपागम, किन्हीं उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए क्रमबद्ध तथा स्पष्ट रुप से परिभाषित या सुनिश्चित चरणों का एक क्रिया विधिक उदाहरण या चित्रण है।
प्रश्न- अन्वेषण उपागम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- अन्वेषण विधि एक रहस्यमय परिघटना से आरंभ होती है। जैसे- कक्षा में अचानक किसी बिजली के बल्ब का बुझ जाना। ऐसी अवस्था में यदि किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता होती है, तो बच्चे पूछताछ या जाँच-विशेष द्वारा इसका समाधान करते हैं।
प्रश्न- अन्वेषण विधि से विज्ञान शिक्षण के क्या लाभ हैं?
उत्तर- अन्वेषण विधि से विज्ञान शिक्षण के लाभ-विद्यार्थियों में अधिगम योग्यताओं का विकास होता है। अध्येता की मनोवृत्ति अधिक व्यावहारिक बन जाती है। आलोचनात्मक चिंतन तथा उदार मानसिकता का विकास होता है। स्वतंत्र अधिगम कौशलों को बल मिलता है।
प्रश्न- अन्वेषण विधि द्वारा विज्ञान शिक्षण की त्रुटियां लिखिए?
उत्तर- अन्वेषण विधि गति धीमी होने के कारण अधिक समय लगाने वाला उपागम है। इस उपागम के लिए अध्यापकों को ठीक से अभिविन्यासित नहीं किया जाता है। इस उपागम के अनुकुल पुस्तकें तथा अन्य अध्येता केंद्रित अधिगम सामग्री उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न- पाठ योजना पर प्रभाव डालने वाले कारक कौन-से हैं?
उत्तर- स्कूल की स्थिति, कक्षा का आकार, आयु के अनुसार कक्षा का संघटन, प्रकरण की प्रकृति, आदि पाठ योजना पर प्रभाव डालते हैं।
प्रश्न- पाठ की परिभाषा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- एन.एल. बोसिंग पाठ योजना की परिभाषा इस प्रकार देते हैं-
‘पाठ योजना अध्यापक के मार्गदर्शन में दिन-प्रतिदिन किए जाने वाले कार्यकलापों के फलस्वरुप प्राप्त सभी उपलब्धियों और उन्हें प्राप्त करने के विशिष्ट साधनों का विवरण है।’
प्रश्न- हर्बाटीय उपागम के कितने चरण हैं?
उत्तर- हर्बाटीय उपागम के निम्नलिखित चरण नीचे दिए गए हैं-
विषय, प्रकरण, कक्षा, बच्चों का आयु स्तर तथा अनुमानित समय की सामान्य सूचना।
प्रश्न- प्रस्तुतीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- प्रस्तुतीकरण में वे तरीके शामिल होते हैं, जिनमें संबंधित विषय वस्तु प्रस्तुत की जाती है।
प्रश्न- मूल्यांकन उपागम का क्या आशय है?
उत्तर- मूल्यांकन उपागम के अनुसार, पाठ योजना के अभिकल्प के तीन पक्ष होते हैं : 1. निवेश, (इनपुट), 2. प्रक्रम और 3. निर्गत (आउटपुट)।
प्रश्न- विज्ञान में अनुदेश के लिए प्रयोगशाला कार्य-कलाप के कम-से-कम दो मूल उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- प्रयोगशाला कार्य-कलाप के उद्देश्य हैं- 1. वैज्ञानिक सिद्धांतों के व्यवहारगत पक्षों पर बल देता है। उनका अनुप्रयोग बताता है।
- यह वैज्ञानिक अन्वेषण के प्रक्रम को सुधारता है।
प्रश्न- विज्ञान प्रयोगशाला के लिए उपस्कर की अधिप्राप्ति के दौरान ध्यान में रखने वाली दो विचारणीय बातों को बताइए?
उत्तर- विज्ञान प्रयोगशाला हेतु उपस्कर की अधिप्राप्ति के दौरान दो विचारणीय तथ्य हैं- 1. विभिन्न प्रायोगिक कार्यक्रमों की आवश्यकताओं का विशिष्टीकरण।
- पुरानी पड़ गई सामग्रियों और उपस्करों का पुनर्स्थापन करना।
प्रश्न- सुस्पष्टत: परिभाषित उद्देश्य मूल्यांकन के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण होते हैं।
उत्तर- मूल्यांकन उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है। यह देखने के लिए कि क्या उद्देश्य प्राप्त हुए है अथवा नहीं, इसमें बहिर्वेश (आउटपुट) (विद्यार्थी परिणाम) को अंतर्वेश (इनपुट) (विधियों) के आधार पर तौला जाता है।
प्रश्न- एक अच्छे विज्ञान थ्योरी प्रश्न-पत्र को बनाते समय विचारणीय मुख्य बातों को, संक्षेप में लिखिए?
उत्तर- एक अच्छे थ्योरी प्रश्न-पत्र –
- को संपूर्ण पाठ्यक्रम (सिलेबस) को आवरित करना चाहिए।
- को नेमी कौशलों से उच्चतर योग्यताओं का परीक्षण करना चाहिए।
- को अपेक्षित उत्तर की व्यापित और लंबाई को निर्धारित करना चाहिए।
- की भाषा सुस्पष्ट और विशिष्ट होनी चाहिए।
प्रश्न- विज्ञान परीक्षा में बहु-विकल्पीय प्रश्न का क्या उपयोग है?
उत्तर- बहु-विकल्पीय प्रश्न (एम.सी.क्यू.) वस्तुनिष्ठ होते हैं, उच्चतर श्रेणी योग्यताओं का परीक्षण कर सकते हैं, जांचने में ज्याद आसान होते हैं।
प्रश्न- परीक्षण निर्माण के चरण कौन-कौन से हैं?
उत्तर- परीक्षण निर्माण के चरण हैं- अभिकल्पन, ब्ल्यू प्रिंटिंग, प्रश्नों की रचना करना, प्रश्नों का संयोजन करना और हिदायतें तैयार करना।
प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण की तीन कसौटियां क्या हैं?
उत्तर- वैधता, स्वीकार्यता और विश्वसनीयता एक अच्छे परीक्षण की कसौटियां हैं।
प्रश्न- प्रयोगकार्य परीक्षा के संचालन के लिए किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?
उत्तर- परीक्षण पत्र, उपकरण और रसायनों की सूची, परीक्षकों और परीक्षार्थियों के लिए सामान्य हिदायतें, प्रश्न-पत्र की कुंजी प्रयोगकार्य परीक्षा के लिए आवश्यक सामग्रियां हैं।
प्रश्न- व्याख्या का मुख्य प्रयोजन क्या है?
उत्तर- छात्रों को अभिप्रेरित करने के प्रयोजन से अध्यापक व्याख्यान शैली का प्रयोग करते हैं। व्याख्यानों/भाषणों को सुनकर ही छात्र सामाजिक अध्ययन के विभिन्न विषय-क्षेत्रों की ओर आकृष्ट होते हैं।
प्रश्न- व्याख्यान के कितने आयास हैं?
उत्तर- व्याख्यान के दो आयाम हैं- पहला, उसका नियोजन यानी उसकी योजना बनाना और दूसरा, उसकी प्रस्तुति।
प्रश्न- व्याख्यान प्रस्तुतीकरण के कितने उपचरण हैं?
उत्तर- व्याख्यान प्रस्तुति को भी तीन उपचरणों में बांटा जाता है। ये उपचरण हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विकास या विस्तार और समाहार।
प्रश्न- व्याखायान विधि के प्रमुख लाभ कौन-से हैं?
उत्तर- व्याख्यान विधि को अपनाकर सामाजिक अध्ययन की सभी शाखाओं से संबंधित ज्ञान छात्रों को दिया जा सकता है। व्याख्यान-विधि वह विधि है जिसे जब चाहे और जैसा चाहे, कई प्रकार की व्यक्तित्व संबंधी विशेषताओं के अनुरुप ढाला जा सकता है अर्थात् उनका अमुकूलन किया जाना अपेक्षाकृत सरल है।
प्रश्न- इकाई योजना के कितने भाग होते हैं?
उत्तर- किसी भी इकाई योजना के पांच खंड हैं – प्राक्कथन, उद्देश्य-निर्धारण, विषय-वस्तु, अध्यापकों के लिए संकेत-बिंदु और मूल्यांकन।
प्रश्न- दैनिक पाठ-योजना के कितने भाग होते हैं?
उत्तर- दैनिक पाठ-योजना के पांच भाग होते हैं- पाठ के उद्देश्य, अनुदेश-सामग्री की सूची, आरंभिक क्रियाएं, विकासात्मक क्रियाएं और समापक क्रियाएं।
प्रश्न- आगमनात्मक उपागम से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- आगनात्मक उपागम का सामान्य अर्थ है- ‘की ओर आना’। इस उपागम के अनुसार, शिक्षक सर्वप्रथम कई तरह के असंगठित तथ्य छात्रों को देता है। इसके बाद छात्र किसी समस्या या विषय-वस्तु के सदंर्भ में इन तथ्यों पर आपस में विचार-विमर्श करते हैं।
प्रश्न- निगमनात्मक उपागम से क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर- निगमनात्मक उपागम में छात्र किसी दिए गए सिद्धांत या सामान्यीकरण के आधार पर कुछ ऐसे उदाहरण देते हैं जिनमें वह सिद्धांत या सामान्यीकरण लागू होता है। इस उपागम में शिक्षक पहले किसी नियम, सिद्धांत या सामान्यीकरण को बताता है और फिर छात्रों से कहा जाता है कि वे अपनी-अपनी उन समस्याओं को बताएं जिनमें वह नियम लागू होता है।
प्रश्न- शिक्षक केंद्रित उपागम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- शिक्षक केंद्रित उपागम में शिक्षक महत्वपूर्ण है। शिक्षक सक्रिय होता है, जबकि शिक्षार्थियों से यह अपेक्षा होती है कि वे सुने और शिक्षक के प्रश्नों के उत्तर दें।
प्रश्न- शिक्षक केंद्रिय उपागम के क्या दोष हैं?
उत्तर- शिक्षक केंद्रिय उपागम में शिक्षार्थी अपने अधिगम को सक्रिय बनाने के लिए पर्याप्त अभिप्रेरित नहीं हो पाते। कभी-कभी इस उपागम से शिक्षार्थियों में ऊब पैदा हो जाती है।
प्रश्न- शिक्षक केंद्रित उपगाम में कौन सक्रिय रहता है?
उत्तर- शिक्षक शिक्षार्थियों को मात्र श्रोता या प्रेक्षक बनाकर संपूर्ण शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के दौरान स्वयं सक्रिय रहता है।
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