SSC CGL TIER 1 Biological Evolution Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Biological Evolution Study Material In Hindi
जैव विकास
हमारी पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई परन्तु इस पर जीवन की उत्पत्ति लगभग 3.8 अरब वर्ष पूर्व हुई। उसके पश्चात् इन जीवों में विकास की क्रिया द्वारा नई जातियों की उत्पत्ति हुई। पृथ्वी की कुल जीवन अवधि (4.6 अरब वर्ष) को भू-वैज्ञानिक समय कहते हैं। प्रारम्भिक, निम्नकोटि के जीवों से क्रमिक परिवर्तनों द्वारा अधिकाधिक जीवों की उत्पत्ति को जैव-विकास कहा जाता है। जीव जन्तुओं की रचना कार्यिकी एवं रासायनिक भ्रुणीय विकास वितरण आदि में विशेष क्रम तथा आपसी सम्बन्ध के आधार पर सिद्ध किया गया कि जैव विकास हुआ।
Know Lamarckism Study Material In Hindi
लैमार्कवाद
- लैमार्क ने 1809 में फिलोस्फी जूलोजिक नामक पुस्तक में उपार्जित लक्षणों की वंशागति का सिद्धान्त प्रस्तुत किया।
- अंगों के कम उपयोग का उदाहरण लैमार्क ने साँपों में दिया।
- लैमार्कवाद की सबसे कड़ी आलोचना जर्मन वैज्ञानिक वीजमान ने की। इन्होंने अपने प्रयोग में 21 पीढियों तक चूँहों की पूँछ काटकर आपस में प्रजनन कराया लेकिन किसी भी पीढ़ी में पूँछ विहीन चूँहे उत्पन्न नहीं हुए।
- वीजमान ने 1886 में जननद्रव्य की निरन्तरता का सिद्धान्त (Theory Of Continuity Of Germplasm) प्रतिपादित किया।
Darwinism For SSC CGL TIER 1
डार्विनवाद
- चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘जातियों को अभ्युदय’ (The Origin Of Species) में विकासीय सिद्धान्त की व्याख्या की।
- डार्विन के द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त को प्राकृतिक चयन का सिद्धान्त अथवा डार्विनवाद के रुप में जाना जाता है।
- अपनी यात्रा के दौरान डार्विन ने गैलापैगोज द्वीप समूह पर 20 प्रकार की चिड़ियाँ देखी। बाद में ये चिड़ियाँ डार्विन की फिन्ची (Darwin’s Finches) के नाम से प्रसिद्ध हुईं।
- रेफेनोब्रैसिका रेफेनस तथा ब्रैसिका का संकर है।
- पक्षियों का उद्गम जुरेसिक काल में हुआ।
- डार्विनवाद मुख्यतया प्रचुर सन्तानोत्पत्ति, जीवन संघर्ष एवं प्राकृतिक चयन पर आधारित था।
Evidences Of Organic Evolution Study Material In Hindi
जैव विकास के प्रमाण
यह मुख्यतया संरचनात्मक अथवा समजात एवं समवृति अंगों से सम्बन्धित है।
समजात अंग (Homologous Organs Study Material In Hindi) ऐसे अंग, जो रचना व उत्पत्ति में समान हों लेकिन कार्य में भिन्न हों, समजात अंग कहलाते हैं। उदाहरण — मेढक, पक्षी एवं मनुष्य के अग्रपाद।
समवृत्ति अंग (Analogous Organs Study Material In Hindi) ऐसे अंग, जो रचना व उत्पत्ति में भिन्न हों लेकिन कार्य में समान हों, समवृत्ति अंग कहलाते हैं। उदाहरण—पक्षियों तथा कीटों के पंख।
अवशेषी अंग (Vestigial Organs Study Material In Hindi) वे अंग जो पूर्वजों में कार्यशील थे लेकिन वर्तमान में कार्यविहीन हैं, अवशेषी अंग कहलाते हैं। उदाहरण—साँपों के अल्पविकसित पाद, कीवी पक्षी के पंख।
मानव शरीर में 100 से अधिक अवशेषी अंग पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख, प्लीका सेमील्यूनेरिस या निमेषर झिल्ली, कर्ण पल्लवों की पेशियाँ, पुच्छ कशेरुकाएँ, वर्मीफॉर्म एपेन्डिक्स, अकलदाढ़ आदि हैं।
Main Diseases Caused By Viruses In Human For SSC CGL TIER 1
विषाणुओं द्वारा होने वाले मनुष्य में कुछ प्रमुख रोग
रोग | प्रभावित अंग |
गलसुआ | पेरोटिड लार ग्रन्थियाँ |
रोहे या ट्रेकोमा | नेत्र |
डेंगू | माँसपेशी एवं जोड़ |
फ्लू या इन्फ्लुएंजा | श्वसन तन्त्र |
रेबीज या हाइड्रोफोबिया | तन्त्रिका तन्त्र |
खसरा | सम्पूर्ण शरीर |
चेचक | सम्पूर्ण शरीर विशेषकर चेहरा तथा हाथ-पाँव |
पोलियो | तन्त्रिका तन्त्र (स्पाइनल कॉर्ड के मोटर तन्त्रिका की क्षति) |
हर्पीस | त्वचा, श्लेष्मकला |
मस्तिष्क शोथ या एन्सेफेलाइटिस | तन्त्रिका तन्त्र |
Main Diseases Caused By Bacteria In Human Study Material In Hindi
जीवाणुओं द्वारा मानव में होने वाले प्रमुख रोग
रोग | जीवाणु | प्रभावित अंग |
निमोनिया | डिप्लोकोकस न्यूमोनी | फेफड़े |
टिटेनस | क्लॉस्ट्रीडियम टिटेनी | तन्त्रिका तन्त्र तथा माँसपेशियाँ |
बॉट्यूलिज्म या भोजन विषाक्तता | क्लॉस्ट्रीडियम बॉट्यूनिम | तन्त्रिका तन्त्र, श्वास लेने में पीड़ा |
मियादी बुखार (टायफॉइड) | सालमोनेला टाइफी | आँत का रोग |
कुष्ठ रोग | माइकोबैक्टीरियम लेप्री | त्वचा तथा तन्त्रिकाएँ |
क्षयरोग (टी. बी.) | माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस | शरीर का कोई भी अंग, विशेषकर फेफड़े |
हैजा | विब्रिओ कोमा | आँत या आहारनाल |
डिफ्थीरिया | कॉरीनेबैक्टीरियम डिप्थेरी | श्वाल नली |
काली खाँसी | हेमोफिलस परट्यूसिस | श्वसन तन्त्र |
सिफिलिस | ट्रेपोनेमा पैलीडम | जनन अंग, मस्तिष्क तथा तन्त्रिका तन्त्र |
प्लेग | पॉस्ट्यूरेला पेस्टिस | बगलें या काँखें, फेफड़े, लाल रुधिर कणिकाएँ |
मेनिनजाइटिस | नीसेरिया मेनिनजाइटिस | मस्तिष्क के ऊपर की झिल्लियाँ, मस्तिष्क |
Human Diseases Caused By Fungi For SSC CGL TIER 1
कवक जनित मानव रोग
रोग | प्रभावित अंग | रोगकारक कवक |
एस्परजिलोसिस | कान तथा फेफड़े | एस्परजिलस फ्लेक्स तथा ए. फ्यूमिगेटस |
छाले होना | गला तथा मुँह | ए. नाइगर तथा मोनीलिया |
क्रिप्टोकॉकसता | स्नायु तन्त्र | क्रिप्टोकॉकस नियोफार्मेन्स |
परागज ज्वर | समस्त शरीर | आल्टरनेरिया, हेल्मिन्थोस्पोरियम फोमा तथा ट्राइकोडर्मा |
एथलीट फुट | पैर | ट्राइकोफाटोनी कुल के सद्स्य |
दाद | त्वचा | माइक्रोस्पोरस लेनोसम |
Human Diseases Caused By Protozoan Study Material In Hindi
प्रोटोजोअन जन्य मानव रोग
रोग का नाम | रोग कारक जीव | संक्रमण की विधि |
अमीबता | एण्टअमीबा हिस्टोलिटिका | सन्दूषित जल व भोजन द्वारा |
मलेरिया | प्लाज्मोडियम जातियाँ | संक्रमित मादा एनॉफिलीज मच्छर के काटने से |
अफ्रीकी निद्रा रोग या गैम्बियन ज्वर | ट्रिपैनोसोमा गेम्बिएन्स | ग्लोसीना पैल्पेलिस या सीसी मक्खी के काटने से |
चागा रोग | ट्रिपैनोसोमा क्रूजी | ग्लोसीना पैल्पेलिस के काटने से |
काला-अजार | लीशमानिया डोनोवानी | फ्लीबोटेमस या बालू मक्खी के काटने से |
अतिसार | जिआर्डिया | सन्दूषित जल व भोजन |
ल्यूकोरिया | ट्राइकोमोनास वैजीनेलिस | लैंगिक सम्बन्ध |
Human Diseases Caused By Helminthes For SSC CGL TIER 1
हैल्मिन्थज जन्य मानव रोग
रोग | परजीवी | वयस्क का रहने का स्थान |
ऐस्कैरिएसिस | ऐस्कैरिस लम्ब्रीकाएडिस | छोटी आँत |
एन्काइलोस्टोमाएसिस | एन्काइलोस्टोमा ड्यूडीनेल | छोटी आँत |
गिनीकृमि रोग | ड्रेकनकुलस मेडीनेनसिस | त्वचा के नीचे |
एन्ट्रोबिएसिस | एन्ट्रोबिअस वर्मीकुलेरिस | कोलन या पेरीनियम के बाहर |
लोएसिस (कन्जक्टीवाएटीस) | लोआ लोआ | संयोजी ऊतक |
ओंकोसरकाएसिस | ओंकोसेरिया वाल्वोलस | त्वचा के नीचे या गाँठों में |
स्ट्रांगाइलोएडिएसिस | स्ट्रांगाइलोएडिस स्टरकॉर्डिस | पूर्ण आँत |
ट्राइकाइनेलिएसिस | ट्राइकाइनेला स्पाइरेलिस | छोटी आँत |
शिस्टोसोमिएसिस | शिस्टोसोमा हीमेटोबियम | रुधिर वाहिनियाँ |
फाइलेरिएसिस या फीलपाँव | वूचेरेरिया बैंक्राफ्टी | लिम्फ वाहिनियाँ |
बायोजेनेटिक नियम (Biogenetic Law) अथवा पुनरावृत्ति सिद्धान्त (Recapitulation Theory) हेकल ने प्रतिपादित किया इस सिद्धान्त के अनुसार, “व्यक्तिवृत्त में जातिवृत्त की पुनरावृत्ति” (Ontogeny Repeats Phylogeny) होती है अर्थात् जन्तु अपनी भ्रूणावस्था में पूर्वजों की अवस्थाओं को दोहराते हैं।
जीवों में कभी-कभी अचानक कोई ऐसा लक्षण विकसित हो जाता है, जो वर्तमान जातीय लक्षण न होकर किसी निम्न वर्गीय पूर्वज जाति का होता है, इसे प्रत्यावर्तन कहते हैं।
विभिन्न वर्गों के बीच की कड़ियाँ
- आर्किओप्टेरिक्स सरीसृपों और पक्षियों
- विषाणु सजीव और निर्जीव
- युग्लीना जन्तु और पादप
- प्रोटीरोस्पॉन्जिया प्रोटोजोआ और पोरीफेरा
- निओपिलिना मोलस्का और एनीलिडा
- पेरिपेटस एनीलिडा और ऑर्थ्रोपोडा
- बैलेनोग्लोसस अकशेरुकी और कशेरुकी
- प्रोटोथीरिया सरीसृप और स्तनधारी
Mutation Study Material In Hindi
उत्परिवर्तन
- ह्रयूगो डी व्रीज (Hugo de Vries) के अनुसार, किसी जाति के पौधों या जन्तुओं में, जो आकस्मिक विभिन्नताएँ उत्पन्न हो जाती हैं। उन्हें उत्परिवर्तन कहते हैं।
- प्रकृति में स्वयं होने वाले उत्परिवर्तन प्राकृतिक (Spontaneous) तथा X-किरणों, γ-किरणों, β-किरणों या रासायनिक पदार्थों (जैसे—मस्टर्ड गैस, ईथाइल मेथेन सल्फोनेट, मिथाइल मेथेन सल्फोनेट) आदि के द्वारा प्रेरित किए जाने वाले उत्परिवर्तन कृत्रिम (Induced) कहलाते हैं।
Discoveries Related to Medicine For SSC CGL TIER 1
चिकित्सा सम्बन्धी आविष्कार
आविष्कार | आविष्कारक |
रुधिर परिसंचरण | विलियम हार्वे |
रुधिर परिवर्तन | कार्ल लैण्डस्टीनर |
विटामिन | फंक |
स्टैथोस्कोप | रेनेलैनक |
स्ट्रेप्टोमाइसिन | बॉक्समैन, सेलमेन |
एल्फा ड्रग्स | डागमैंक |
सिफलिस की चिकित्सा | पॉल एरिक |
हाइड्रोफोबिया की चिकित्सा | लुई पाश्चर |
ह्रदय प्रत्यारोपण | क्रिश्चियन बर्नार्ड |
हैजे का टीका | रॉबर्ट कोच |
होम्योपैथी | हैनीमैन |
टीबी के कीटाणु तथा चिकित्सा | रॉबर्ट कोच |
टायफॉइड के जीवाणु | रो बर्थ |
डायबिटीज तथा चिकित्सा | एफ बेटिंग |
डीडीटी | पॉल मुलर |
पेनिसिलिन | एलैक्जेण्डर फ्लेमिंग |
पोलियो का टीका | जॉन्स ई. साल्क |
पीत बुखार की चिकित्सा | रीड |
प्लेग तथा पेचिस की चिकित्सा | किटाजाटो |
बीसीजी | यूरिन कालमेट |
बेरी-बेरी रोग की चिकित्सा | आइजकमैन |
बैक्टीरिया | ल्यूवेनहॉक |
मलेरिया परजीवी व चिकित्सा | रोनाल्ड रॉस |
अल्ट्रावायलेट किरणों द्वारा चिकित्सा | फ्रिन्सेन |
आरएनए | आर्थर अर्ग तथा जेम्स वाटसन |
डीएनए | जेम्स वाटसन एवं क्रिक |
इन्सुलिन | बेटिंग |
एस्प्रिन | ड्रेसन |
एण्टीसेप्टिक सर्जरी | लिस्टर |
क्लोरोक्वीन (कुनैन) सिन्थेटिक | रेबी |
काले बुखार की चिकित्सा | यू.एस.ब्रह्राचारी |
चेचक का टीका | एडवर्ड जेनर |
जेनेटिक कोड | हरगोविन्द खुराना |
टेरामाइसिन | फिनले |
SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers