Maxen Computer Education

SSC CGL TIER 1 Human Eye Study Material In Hindi

SSC CGL TIER 1 Human Eye Study Material In Hindi

SSC CGL TIER 1 Human Eye Study Material In Hindi

मानव नेत्र

SSC CGL TIER 1 Human Eye Study Material In Hindi
SSC CGL TIER 1 Human Eye Study Material In Hindi
  • मानव नेत्र प्रकाशिक यन्त्र है, जो फोटोग्राफिक कैमरे की तरह व्यवहार करता है, इसके द्वारा वास्तविक प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनता है।
  • स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी होती है।
  • सामान्य आँखों से देखी जा सकने वाली अधिकतम दूरी अनन्त है।
  • मानव नेत्र में एक उत्तल लेन्स होता है, जिसे नेत्र लेन्स कहते हैं।

Defects Of Vision For SSC CGL TIER 1 

दृष्टि दोष

निकट दृष्टि दोष (Myopia)  इस रोग से ग्रसित व्यक्ति नजदीक की वस्तु तो देख लेता है परन्तु दूर स्थित वस्तु को नहीं देख पाता है। इस दोष के निवारण में अवतल लेन्स का प्रयोग किया जाता है।

दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia)  इस रोग से ग्रसित व्यक्ति निकट की वस्तु नहीं देख पाता है। इस दोष के निवारण के लिए उत्तल लेन्स का प्रयोग किया जाता है।

जरा दृष्टि दोष (Presbyopia)  इस दोष में व्यक्ति दूर तथा पास की वस्तुओं को नहीं देख पाता है। इस दोष का निवारण द्वीफोकसीय लेन्स द्वारा किया जाता है।

अबिन्दुकता या दृष्टि वैषम्य (Astigmatism)  इसमें नेत्र क्षैतिज दिशा में तो ठीक देख पाता है परन्तु ऊर्ध्व दिशा में नहीं देख पाता है। इसके निवारण के लिए बेलनाकार लेन्स का उपयोग किया जाता है।

 Know Charge For SSC CGL TIER 1 

आवेश

  • पदार्थों को परस्पर रगड़ने पर उस पर जो वस्तुओं को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने की क्षमता उत्पन्न होती है, उसे स्थिर विद्युत आवेश कहते हैं।
  • बेन्जामिन फ्रैंकलिन (Benjamin Franklin) ने दो प्रकार के आवेशों को धनात्मक आवेश तथा ऋणात्मक आवेश नाम दिया।
  • समान प्रकार के आवेश परस्पर प्रतिकर्षित करते हैं तथा विपरीत प्रकार के आवेश परस्पर आकर्षित करते हैं।
  • किसी खोखले चालक के भीतर विद्युत क्षेत्र शून्य होता है। खोखले चालक का सम्पूर्ण आवेश उसके पृष्ठ पर समान रुप से वितरित होता है।

चालक

जिन पदार्थों से होकर आवेश सरलता से प्रवाहित होता है उन्हें चालक कहते हैं। इनमें मुक्त इलेक्ट्रान नहीं होते हैं। इसमें मुक्त इलेक्ट्रान होते है; जैसे– चाँदी, ताँबा, एल्युमीनियम आदि।

चाँदी सबसे अच्छा चालक है। इसके बाद दूसरा स्थान ताँबे का है।

अचालक

जिन पदार्थों से होकर आवेश का प्रवाह नहीं होता है, उन्हें अचालक कहते हैं। इनमें मुक्त इलेक्ट्रान नहीं होते हैं; जैसे– लकड़ी, रबर, कागज आदि।

SSC CGL Study Material Sample Model Solved Practice Question Paper with Answers

Join Our CTET UPTET Latest News WhatsApp Group

Like Our Facebook Page

Leave a Comment